Delhi News: दिल्ली विधानसभा देश की पहली ऐसी विधानसभा बनने जा रही है जो पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित होगी. इस दिशा में बुधवार (9 अप्रैल) को विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें लोक निर्माण विभाग (PWD) और विधानसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक के दौरान विधानसभा भवन की छतों का ड्रोन सर्वे भी कराया गया ताकि सोलर पैनल लगाने के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान की जा सके.

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 500 किलोवॉट क्षमता का रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किया जाएगा, जिसे आगामी 60 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. यह प्रणाली विधानसभा की संपूर्ण ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करेगी और अनुमान है कि इससे 10 प्रतिशत अतिरिक्त बिजली भी उत्पन्न होगी. परियोजना के पूर्ण होने के बाद सरकार को प्रतिमाह करीब 15 लाख रुपये की बिजली लागत में बचत होगी.

परियोजना के उद्देश्य

पुरानी 200 KW की सोलर प्रणाली को हटाना500 KW का नया रूफटॉप सोलर सिस्टम 60 दिनों में स्थापित करनाप्रतिमाह 15 लाख रुपये की बिजली लागत की बचतग्रीन एनर्जी व जीरो बिजली बिल के प्रति जनजागरूकताशासन में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावाकार्बन फुटप्रिंट और सार्वजनिक ऊर्जा खर्च को कम करना

'पूरे देश में मिलेगी अलग पहचान'विधानसभा अध्यक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा, "हम सौर ऊर्जा के जरिए आत्मनिर्भर विधानसभा की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. यह परियोजना दिल्ली विधानसभा को पूरे देश में एक अलग पहचान दिलाएगी. हम स्वच्छ और हरित ऊर्जा को अपनाकर देश की अन्य विधानसभाओं के लिए भी उदाहरण प्रस्तुत करेंगे." उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ रहा है. दिल्ली विधानसभा भी ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

'सौर ऊर्जा से चलेगा मानसून सत्र'इसके अलावा विजेंद्र गुप्ता ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि कार्य तत्काल शुरू किया जाए और अगली सप्ताह तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाए. प्रोजेक्ट के तय समय पर पूरा होने के बाद आगामी मानसून सत्र पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित होगा. यह पहल देशभर में ऊर्जा संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है. साथ ही, यह जनता को भी हरित ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करेगी.