2020 दिल्ली दंगा से जुड़े मामले में मंत्री कपिल मिश्रा के लिए राहत भरी खबर आई है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अगली सुनवाई तक आगे की जांच के आदेश पर रोक लगा दी है. इस मामले में अलगी सुनवाई 21 अप्रैल को होगी. इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने कपिल मिश्रा के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिया था. राउज एवेन्यू कोर्ट ने कपिल मिश्रा की याचिका पर नोटिस जारी किया. बीजेपी विधायक ने अपने खिलाफ आगे की जांच के ट्रायल कोर्ट के आदेश को आज (9 अप्रैल) को ही चुनौती दी थी.

शिकायकर्ता मोहम्मद इलियास को नोटिस

स्पेशल जज कारेरी बावेजा ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही कोर्ट ने शिकायकर्ता मोहम्मद इलियास को नोटिस जारी किया और 21 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है. इलियास की याचिका पर ही ट्रायल कोर्ट ने आगे की जांच के आदेश दिए थे. 

1 अप्रैल को एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने प्रथम दृष्टया कपिल मिश्रा के खिलाफ संज्ञेय अपराध पाया जिसमें आगे जांच की आवश्यकता दिखी. उन्होंने कहा था, "यह साफ है कि कपिल मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में ही थे...ऐसे में आगे की जांच की आवश्यकता है."

दिल्ली के यमुना विहार के रहने वाले इलियास ने कपिल मिश्रा, दयालपुर थाने के तत्कालीन एसएचओ और पांच अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. उनका आरोप था कि इन व्यक्तियों ने फरवरी 2020 के दंगों में सक्रिय भूमिका निभाई थी.  

दिल्ली पुलिस की अहम दलील

दिल्ली पुलिस ने अपनी याचिका में कहा कि कपिल मिश्रा की भूमिका पहले ही विस्तार से जांची जा चुकी है और उनके खिलाफ कोई आपत्तिजनक सबूत नहीं मिला. इस आधार पर उन्होंने निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए जांच पर रोक की मांग की थी.  

कोर्ट का अहम आदेश 

राउज एवन्यू कोर्ट की जस्टिस कावेरी बवेजा ने सभी पक्षों को नोटिस जारी करते हुए मामले से संबंधित रिकॉर्ड मंगवाए हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि निचली अदालत का आदेश अगली सुनवाई तक स्थगित रहेगा.

नेताओं की भूमिका पर रहा है विवाद

फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों में 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में कई राजनीतिक हस्तियों और नेताओं की भूमिका को लेकर विवाद रहा है.