AIMIM Candidate Tahir Hussain: दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपी और विधानसभा चुनाव के लिए मुस्तफाबाद सीट से एआईएमआईएम प्रत्याशी ताहिर हुसैन कस्टडी पैरोल मिलने के बाद जेल से बाहर आ गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए ताहिर हुसैन को 3 फरवरी तक की पैरोल दी है, जो सुबह छह बजे से शाम पांच बजे तक होगी. इसके बाद पुलिस ताहिर हुसैन को तिहाड़ वापस ले आएगी.
आज (29 जनवरी) सुबह करीब नौ बजे पुलिस ताहिर हुसैन को अपनी कस्टडी में मुस्तफाबाद स्थित पार्टी दफ्तर लेकर पहुंची. यहां बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और जनता ने ताहिर को घेर लिया. खास बात यह है कि पुलिस लगातार ताहिर हुसैन का हाथ पकड़े रही. इसके बाद सुबह करीब 10 बजकर 30 मिनट पर ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद क्षेत्र में अपना चुनाव प्रचार शुरू किया.
लोगों का बेइंतहा समर्थन मिल रहा है- ताहिर हुसैनइस दौरान ताहिर हुसैन ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा, "लोगों का बेइंतहा समर्थन मिल रहा है. मैंने सोचा भी नहीं था कि मुस्तफाबाद की गलियों और सड़कों में भारी सैलाब मेरा इंतजार कर रहा होगा. भूखे प्यासे लोग सुबह सात बजे से खड़े हुए हैं. इससे ज्यादा खुशी की कोई बात हो ही नहीं सकती. जब 5 तारीख को लोग पतंग का बटन दबाकर ताहिर हुसैन को जिताकर विधानसभा भेजेंगे उस दिन इनका समर्थन और ज्यादा नजर आएगा."
वहीं कस्टडी पैरोल के सवाल पर उन्होंने कहा, "पुलिस मेरी सेफ्टी के लिए मेरे साथ है क्योंकि मेरे दोस्त भी हैं, तो दुश्मन भी बहुत ज्यादा हैं. यह कस्टडी पैरोल है मैं कस्टडी में हूं. देश में बहुत सारे लोगों के ऊपर आरोप है, जो पार्लियामेंट में हैं, ऐसे कितने एमपी हैं जिनके ऊपर आरोप है. विधानसभा में ऐसे कितने लोग हैं जिनके ऊपर आरोप है. आज अगर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की बात करें तो उनके ऊपर भी आरोप है."
सरकार ने मुस्तफाबाद को दरकिनार किया- ताहिर हुसैनताहिर हुसैन ने कहा, "जनता की सेवा मैं हमेशा करता आया हूं. जनता की सेवा करते हुए मुझे 20-25 साल हो गए हैं. जनता की सेवा करने के लिए मेरा परिवार जनता के बीच में है. न मैं जनता को भुला हूं न जनता ने मुझे भुलाया है. लोग देख सकते हैं कि यहां इलाके में कितनी कमियां है. सड़कें खराब हैं, स्कूल नहीं है, पीने का पानी नहीं है. हमारे बच्चों के इलाज के लिए बेहतर अस्पताल नहीं है. दिल्ली में सरकार ने मुस्तफाबाद को दरकिनार रखा है."
आप सरकार पर हमला बोलते हुए ताहिर हुसैन ने कहा, "अगर आम आदमी पार्टी ने काम किया होता तो उन्हें अपना प्रत्याशी बदलने की जरूरत क्यों पड़ी. अगर उनका मौजूदा विधायक काम कर रहा होता तो आजादपुर से आदिल को यहां भेजने की क्या जरूरत थी? "