राजधानी दिल्ली और NCR में आज (14 दिसंबर) जहां दिनभर आसमान में बादल छाए रहेंगे और हवाओं की रफ्तार तेज बनी रहेगी. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार राजधानी और आसपास के इलाकों में फिलहाल कड़ाके की सर्दी के आसार नहीं हैं और 19 दिसंबर तक तापमान सामान्य से थोड़ा ऊपर ही रहेगा.
इस बदलाव का सीधा असर न सिर्फ ठंड के पैटर्न पर पड़ रहा है, बल्कि बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की परेशानी भी बढ़ा दी है. मौसम और वायु गुणवत्ता दोनों ही इस समय दिल्ली-NCR के लिए सबसे अहम चिंता का विषय बने हुए हैं. दिल्ली-NCR मानो सफेद चादर से ढकी हुई है.
दिल्ली-NCR का मौजूदा मौसम और हवा की चाल
बीते 24 घंटों में दिल्ली-NCR का मौसम शुष्क बना रहा और आसमान में बादल आते-जाते रहे. इस दौरान हवाओं की गति में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. मौसम विभाग का अनुमान है कि रविवार को भी हवाओं की रफ्तार लगभग इसी स्तर पर बनी रह सकती है. तापमान में फिलहाल कोई बड़ी गिरावट देखने को नहीं मिल रही है.
अधिकतम तापमान करीब 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 से 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का पूर्वानुमान है. यह स्थिति दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत पूरे NCR क्षेत्र के लिए समान रूप से लागू मानी जा रही है.
प्रदूषण का बढ़ता अटैक और GRAP-IV की सख्ती
हवाओं की रफ्तार में कमी और ठंड की कमी के कारण दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है. आज का AQI कई इलाकों में 600 के पार दर्ज किया गया है, जिसमें दिल्ली का औसत AQI 651, नोएडा 781, रघुबीर नगर 720, द्वारका सेक्टर-3 में 800 और आदर्श एन्क्लेव में 1213 तक पहुंच गया है. पटपड़गंज के NH-24 इलाके में जहरीली स्मॉग की मोटी परत साफ नजर आ रही है.
CPCB के अनुसार कई इलाकों में AQI ‘Severe’ श्रेणी में दर्ज किया गया है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए CAQM ने पूरे दिल्ली-NCR में GRAP Stage-IV लागू कर दिया है. इसके तहत दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर ट्रकों और अन्य वाहनों की सख्त जांच की जा रही है. स्कूलों में कक्षा 9 और 11 तक के छात्रों के लिए हाइब्रिड मोड लागू किया गया है. सार्वजनिक, नगर निगम और निजी कार्यालय 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम करेंगे, जबकि केंद्र सरकार के कार्यालय AQI के 301–400 पहुंचते ही वर्क फ्रॉम होम पर शिफ्ट कर जाएंगे.
कब बदलेगा मौसम और कब पड़ेगी कड़ाके की सर्दी
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल तापमान में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है और 19 दिसंबर तक सर्दी मुख्य रूप से रात तक ही सीमित रहेगी. स्काईमेट वेदर के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. महेश पलावत ने बताया कि एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस पहाड़ों पर सक्रिय हो चुका है, जिससे वहां बारिश और हल्की बर्फबारी शुरू हो गई है. 18 दिसंबर को एक और पश्चिमी विक्षोभ के आने की संभावना है, जिसके प्रभाव से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मध्यम ऊंचाई के बादल देखे जा सकते हैं.
हालांकि इन इलाकों में फिलहाल बारिश के आसार नहीं हैं. बादल छाए रहने के कारण न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है. 15 दिसंबर के बाद तापमान में धीरे-धीरे गिरावट शुरू होने की संभावना है, जबकि 22 दिसंबर के बाद देश के कई हिस्सों में कड़ाके की सर्दी का असर साफ तौर पर देखने को मिल सकता है.