दिल्ली में गुरुवार, 18 दिसंबर से गैर BS-6 वाले निजी वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. यूपी-दिल्ली, हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर गाड़ियों को रोका जा रहा है और बीएस-6 गाड़ी न होने पर 20 हजार रुपये का चालान काटा जा रहा है. कार मालिक इस बात से बेहद परेशान हो गए हैं. लोगों का कहना है कि उनके पास PUC है, इंश्योरेंस के कागजात हैं, रोड टैक्स भी भरा हुआ है. इसके बावजूद 20-20 हजार रुपये भरने पड़ रहे हैं. 

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लोगों ने अब सवाल करना शुरू कर दिया है कि क्या सिर्फ दूसरे राज्य की गाड़ी होने से कोई वाहन अचानक दिल्ली पहुंच कर प्रदूषण करने लगता है? दिल्ली में प्रदूषण के नाम पर एक बार फिर सख्ती शुरू हो गई है. इस सख्ती पर सवाल यह है कि यह कदम हवा साफ करने के लिए उठाया गया है या फिर आम लोगों पर दबाव बनाने के लिए?

न चेतावनी और न ही वैकल्पिक व्यवस्था, डायरेक्ट भारी चालान!

बता दें, दिल्ली सरकार के नए नियम के तहत अगर किसी दूसरे राज्य की रजिस्टर्ड गाड़ी BS-6 मानक की नहीं है और वह दिल्ली में प्रवेश करती है तो पकड़े जाने पर सीधे 20,000 का चालान काटा जा रहा है. लोगों का कहना है कि न कोई चेतावनी, न कोई ट्रांज़िशन पीरियड और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था दी गई है. सीधे भारी जुर्माना क्यों लगाया जा रहा? 

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BS-4, BS-5 वालों को माना जा रहा अपराधी!

दिल्ली-NCR एक ऐसा इलाका है, जहां हर दिन गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद से लाखों लोग काम, इलाज और व्यापार के लिए दिल्ली आते हैं. इनमें बड़ी संख्या उन लोगों की है जिनकी गाड़ियां BS-4 हैं, जिनके पास वैध PUC सर्टिफिकेट है, रोड टैक्स भरा हुआ है और इंश्योरेंस भी पूरा है. इसके बावजूद उन्हें दिल्ली में घुसते ही अपराधी मान लिया जा रहा है. 20,000 का चालान थमा दिया जा रहा है.