Delhi News: दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) से बचाव के लिए केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसे लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने कहा है कि हमारी पहली योजना दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करना है. दूसरी बात जो हमारी शीतकालीन कार्ययोजना का हिस्सा है, वह उन राज्यों के साथ समन्वय करना है, जहां पराली जलाई जाती है. पंजाब (Punjab) ने भी इस बार तैयारी की है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब में पराली जलाना कम होगा.


गौरतलब है कि एक हफ्ते पहले गोपाल राय ने सरकारी और निजी निर्माण एजेंसियों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी और उन्हें धूल प्रदूषण को रोकने के लिए 14 सूत्री दिशानिर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा था, "मानदंडों का पालन नहीं करने पर सरकारी और निजी एजेंसियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सभी सरकारी और निजी निर्माण एजेंसियों के लिए निर्माण श्रमिकों को दिशानिर्देशों के संबंध में ऑन-साइट प्रशिक्षण प्रदान करना अनिवार्य है"


मंत्री गोपाल राय ने दिए थे ये निर्देश


पर्यावरण मंत्री ने आगे कहा था, "सरकार शीतकालीन कार्रवाई की तैयारी कर रही है. सर्दियों के दौरान प्रदूषण से निपटने के लिए 15 फोकस बिंदुओं पर योजना बनाएं, जिसमें धूल प्रदूषण पर अंकुश लगाना भी शामिल है. निर्माण एजेंसी के लिए 5,000 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक निर्माण क्षेत्र वाली साइटों पर एंटी-स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा."


दिल्ली में लागू हो चुका है ग्रैप


बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में सर्दियों के दौरान प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए तैयार श्रेणीबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (जीआरएपी) बीते रविवार से लागू हो चुकी है. दिल्ली और आस0पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए जिम्मेदार स्वायत्त निकाय, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने जीआरएपी में पिछले साल और इस वर्ष जुलाई में कुछ अहम बदलाव किए हैं. नये बदलावों के तहत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 के पार जाते ही पुराने वाहनों पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू किया जाएगा और होटल-रेस्तरां में कोयला आर लकड़ी के इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा.


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