Delhi Pollution News: दिल्ली में आने वाले सर्दियों के मौसम में प्रदूषण और उससे लोगों को होने वाली परेशानियों से बचाने के लिए अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार ने विंटर एक्शन प्लान बनाया है. इसके लिए सरकार ने 14 सूत्रीय दिशानिर्देश भी जारी किए हैं. वहीं ग्रैप भी लागू कर दिया गया है. इन सब के बीच सरकार ने विंटर एक्शन प्लान के तहत शनिवार यानी 7 अक्टूबर से एंटी डस्ट कैंपेन की शुरुआत की है, जो अगले महीने 7 नवंबर तक जारी रहेगी. इस दौरान कंस्ट्रक्शन साइट्स को दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी गई है.


एंटी डस्ट कैंपेन को लेकर दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में संबंधित विभागों के साथ हुई संयुक्त बैठक के बाद इसकी जानकारी दी गई. गोपाल राय ने कहा कि इस कैंपेन के तहत पूरी दिल्ली में निगरानी के लिए 13 विभागों की 591 टीमें तैनात की गई हैं, जो 24 घंटे धूल प्रदूषण के कारणों की निगरानी और उसे रोकने का काम करेगी. इसकी रिपोर्ट समय-समय पर पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के साथ साझा की जाएगी. कंस्ट्रक्शन साइट्स से पैदा होने वाला धूल प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित होता है. इसी दिशा में कार्य करने के लिए कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन पोर्टल को लांच किया गया था. इस पोर्टल पर 500 वर्ग मीटर से अधिक सभी साइट्स का सेल्फ रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है.



नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई के निर्देश


पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सभी कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण संबंधी जारी 14 नियमों को लागू करना जरूरी है. इसके लिए सभी विभागों को कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन साइट्स की लगातार निगरानी करने के निर्देश जारी किए गए हैं. कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियमों का उल्लंघन होने पर एनजीटी के निर्देश के मुताबिक विभाग की ओर से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. धूल प्रदूषण को रोकने के लिए 82 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें, 530 वॉटर स्प्रिंकलर और 258 मोबाइल एंटी स्मॉग गन तैनात किए जा रहे हैं. 


निर्माण स्थल पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य


गोपाल राय ने कहा कि नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्गमीटर से लेकर उससे अधिक के परिया के निर्माण स्थल पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अनुसार 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर के निर्माण स्थल पर 1 एंटी स्मॉग गन, 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर के निर्माण स्थल पर 2 एंटी स्मॉग गन, 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर निर्माण स्थल पर 3 एंटी स्मॉग गन और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण स्थल पर कम से कम 4 एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य है.


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