Transgender Community: 2011 की जनगणना के मुताबिक दिल्ली में लगभग 4,200 ट्रांसजेंडर हैं. लेकिन इनमें से अभी तक केवल 23 ट्रांसजेंडरों को ही पहचान पत्र जारी किए गए हैं. केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के ट्रांसजेंडर लोगों के लिए नेशनल पोर्टल के मुताबिक, दिल्ली में ऐसे दस्तावेजों के लिए 84 आवेदनों में से 61 आवेदन पेंडिंग हैं.


समुदाय के लोगों को आईडी कार्ड जारी करना अनिवार्य
ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) नियम, 2020 के तहत, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए इस समुदाय के लोगों को विशेष आईडी कार्ड जारी करना अनिवार्य किया गया है. ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग इसका इस्तेमाल करके दस्तावेजों में अपना नाम और लिंग में परिवर्तन करने सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं. 


ओडिशा सबसे ज्यादा पहचान पत्र जारी करने वाला राज्य
ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के लिए स्पेशल पहचान पत्र जारी करने के मामले में ओडिशा ने सबसे ज्यादा ऐसे पहचान पत्र (1,523) जारी किए हैं. जबकि चार राज्यों- पंजाब, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम ने एक भी कार्ड जारी नहीं किया है. बता दें कि जिला अधिकारियों को पहचान पत्र का आवेदन प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर ही अनिवार्य रूप से दस्तावेज उपलब्ध करा देने होते हैं. लेकिन मंत्रालय के राष्ट्रीय पोर्टल से पता चलता है कि पूरे भारत में 361 पहचान पत्र के आवेदन चार से छह महीने और 518 पत्र के आवेदन एक से तीन महीने से लंबित पड़े हुए हैं.


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डीएम को आईडी कार्ड जारी करने का अधिकार
जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय के हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च में एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ अक्सा शेख नियमित रूप से ट्रांसजेंडर लोगों की भलाई के संबंधित मुद्दों को उठाती पहती हैं. डॉ अक्सा शेख ने कहा, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेटों को ट्रांसजेंडर आईडी कार्ड जारी करने का अधिकार प्राप्त है. साथ ही इसका दूसरा तरीका राष्ट्रीय पोर्टल में आवेदन करके है. जबकि, दिल्ली को अभी राज्य के ट्रांसजेंडर नियमों को अधिसूचित जारी करने के साथ में ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन किया जाना है. जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से आईडी कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया को व्यवस्थित नहीं किया गया है और न ही आवेदन पत्र पेश किए गए हैं.


डिजिटल आवेदन करना बाधा
प्रोफेसर अक्सा शेख ने यह भी कहा कि समुदाय के लोगों के लिए डिजिटल आवेदन करने में भी बाधा आ रही है. एक कारण यह भी है कि समुदाय के सदस्यों ने आईडी कागजात के लिए आवेदन नहीं किया है. उन्होंने कहा, "आईडी कार्ड के लंबित पड़े मामलों ने भी उन्हें निराश किया है. अधिकारियों को चाहिए कि उनके लिए विशेष शिविर लगा के इसका समाधान करें."


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