दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने पूर्वी दिल्ली नगर निगम को पत्र लिखकर उसके द्वारा संचालित एक स्कूल की कक्षा के भीतर दो लड़कियों के कथित यौन शोषण के मामले में की गई कार्रवाई का विस्तृत ब्योरा मांगा है. यह मामला पूर्वी दिल्ली के एक सरकारी स्कूल का है, जहां कथित तौर पर एक अज्ञात व्यक्ति ने कक्षा में घुसकर छात्रों के सामने अपने कपड़े उतारने से पहले आठ वर्ष की दो बच्चियों का यौन शोषण किया.


डीसीपीसीआर ने ईडीएमसी की निदेशक (शिक्षा) निधि मलिक को लिखे पत्र में कहा कि आयोग ने इस मामले को लेकर मीडिया में प्रकाशित खबरों का स्वतः संज्ञान लिया है. आयोग ने कहा कि खबरों के अनुसार यह घटना 30 अप्रैल की है. आयोग ने कहा स्कूल अधिकारियों ने घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी, जो बाल यौन अपराध संरक्षण (पॉक्सो) कानून की धारा 19 का साफ तौर पर उल्लंघन है. इसलिए स्कूल अधिकारियों की लापरवाही से पता चलता है कि इस प्रकार की घटनाओं के प्रति उनका कितना उदासीन रवैया है.


डीसीपीसीआर ने नगर निकाय से इस मामले में की गई जांच, दोषी अधिकारियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई और एहतियाती कदम का ब्योरा सौंपने को कहा है. आयोग ने कहा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, आयोग इस विषय पर नौ मई या उससे पहले एक विस्तृत रिपोर्ट चाहता है. इस बीच जिस स्कूल में उक्त घटना हुई वहां सुरक्षा के इंतजाम अब भी नदारद हैं और प्रवेश द्वार पर कोई व्यक्ति नहीं पाया गया.


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इस मामले की जानकारी के लिए गुरुवार को को पीटीआई-भाषा का एक संवाददाता स्कूल पहुंचा, तब वह आसानी से बिना रोकटोक प्रवेश कर गया. स्कूल में 10 फुट लंबा प्रवेश का रास्ता है और एक गेट से छात्र घुसते तथा निकलते हैं. यह गेट भीतर से बंद नहीं था, स्कूल की चहारदीवारी के ऊपर बाड़ लगी है. पुलिस का कहना है कि स्कूल के प्रवेश द्वार और परिसर में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. घटना के कुछ दिन बाद स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्हें घटना की कोई जानकारी नहीं है.