Delhi Police: साइबर ठग रोज नए-नए तरीकों से साइबर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने एक ऐसे ही साइबर ठग गैंग को अरेस्ट किया है. यह गैंग नए तरीके से ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. 

राजधानी दिल्ली में साइबर ठगी का एक नया शातिर और खतरनाक तरीका सामने आया है. चोरी या छीने गए मोबाइल से जुड़ी बैंक जानकारी का दुरुपयोग कर मिनटों में पूरे खाते से पैसे उड़ा दिए जाते थे. रोहिणी साइबर पुलिस ने इस इंटर स्टेट हाई-टेक ठग गैंग का पर्दाफाश करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

दिल्ली पुलिस के मुतबिक इस गैंग की खासियत थी कि बिना OTP, बिना कॉल किए सीधे चोरी हुए फोन से लिंक बैंक खातों को निशाना बनाया जा रहा था. 

शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका मोबाइल फोन 4 अप्रैल को गुम हो गया था और कुछ ही घंटों में उसके खाते से 1.36 लाख गायब हो गए. पुलिस जांच में पता चला कि चोरी के मोबाइल के जरिए बैंक OTP और अन्य संवेदनशील डेटा हासिल कर सारा पैसा अलग-अलग फर्जी खातों में ट्रांसफर किया गया और फिर तुरंत एटीएम से निकाल लिया गया.

गिरफ्तार आरोपियों की अहम जानकारी 

दिल्ली पुलिस के मुताबिक आरोपी सचिन रोहिणी सेक्टर 22 का रहने वाला है, जो इस गिरोह का ATM ऑपरेटर, चोरी के पैसों को निकालने में माहिर है. आरोपी करुराज उर्फ अमरजीत  बीटेक पास है और रिठाला में CSC सेंटर चलाता था. यह फर्जी बैंक खाते खुलवाकर डेटा ठगों को देता था. आरोपी आकाश उर्फ विषाल यह गिरोह का मास्टरमाइंड, बैंक खातों की सेटिंग और चोरी के मोबाइल का तकनीकी इस्तेमाल करता था.

दिल्ली पुलिस की अहम कार्रवाई

दिल्ली पुलिस को शिकायत मिलते ही जांच में जुट गई. पुलिस टीम ने बैंकों से डेटा हासिल कर ATM फुटेज खंगाले. संदिग्धों की पहचान होते ही रोहिणी के अलग-अलग इलाकों में छापेमारी की गई. आरोपी सचिन को मौके पर दबोच लिया गया जो भागने की फिराक में था.

पूछताछ में पूरे गिरोह की परतें खुलीं. करुराज CSC सेंटर की आड़ में बैंक अकाउंट खुलवाने की प्रक्रिया में धोखाधड़ी करता था. आने वाले कस्टमर्स के डॉक्यूमेंट और साइन लेकर उनके नाम पर खाते खोलता और उनका उपयोग ठगी के लिए करता था.

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