Corona New Variant: कोरोना वायरस दुनिया के सामने नए नए वेरिएंट के साथ दुनिया के सामने आ रहा है. अभी ओमिक्रोन का खतरा पूरी तरह से अभी टला भी नहीं था कि अब इसके नए वेरिएंट 'नियोकोव' ने सभी की चिंता बढ़ा दी है. हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि लोगों को इससे घबराने की जरूरत नहीं है. 


अफ्रीका में हुई खोज
दरअसल नियोकोव की खोज चीन के वुहान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों की आबादी में की है. जबकि यह केवल इन जानवरों के बीच फैलने के लिए जाना जाता है, इस प्रकार ने सार्स-सीओवी-2 वायरस की तरह ही मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने की क्षमता दिखाई है.


'न लें तनाव'
राष्ट्रीय और महाराष्ट्र के कोविड -19 टास्कफोर्स के सदस्य डॉ राहुल पंडित ने कहा, "वर्तमान में, कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं है कि नियोकोव मानव शरीर को प्रभावित करता है और हमें घबराना या तनाव नहीं लेना चाहिए." मुंबई के फोर्टिस अस्पताल के निदेशक-क्रिटिकल केयर, पंडित ने कहा, "दुनिया में ऐसे कई वायरस हैं जिनकी खोज की जानी बाकी है और जिनकी विशेषताओं का पता नहीं है. हम एक चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं और चल रहे कोविड-19 महामारी के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. मैं लोगों को सलाह देता हूं कि वे घबराएं नहीं, अपना बचाव रखें और कोविड-19 उपयुक्त प्रोटोकॉल का पालन करें."


'अभी सिर्फ अटकलें'
शोधकर्ताओं ने कहा, "यह मनुष्यों के लिए खतरनाक बनने से केवल एक उत्परिवर्तन दूर है." लेकिन, सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली के डॉ धीरेन गुप्ता ने कहा कि मनुष्यों के लिए वेरिएंट का संचरण अभी भी एक 'वैज्ञानिक अटकलें' और 'परिकल्पना' है. यह नियोकोव सार्स-सीओवी वायरस (सर्बेकोवायरस) से बहुत अलग है और मेरबेकोवायरस से संबंधित है जो एक अलग जीन्स है."


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