Delhi News: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी से नाता तोड़ने के बाद से लगातार विपक्षी एकता को ताकत देने में जुटे हैं. पिछले कुछ दिनों से वह राजनीति के इस मोर्चे पर पहले से ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. वह लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को सियासी मात देने के लिए देशभर के गैर बीजेपी मुख्यमंत्री और नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इसके पीछे उनकी रणनीति आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी को केंद्रीय सत्ता से बेदखल करने की है.


लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के राजनीतिक सलाहकार आचार्य प्रमोद (Pramod Krishnam) ने ABP LIVE से बातचीत में कहा कि क्षेत्रीय दल पीएम नरेंद्र मोदी को कभी नहीं रोक सकते. उनके बस की बात नहीं है कि वो बीजेपी को सत्ता से बाहर कर सकें. कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने ये भी कहा है कि जब भी राज्य का चुनाव होता है तो प्रदेश की जनता की सोच अलग होती है. राष्ट्र के चुनाव में जनता की राष्ट्र से उम्मीद होती है. क्योंकि देश का सवाल होता है. यही वजह है कि नरेंद्र मोदी के सामने किसी भी क्षेत्रीय दल का कोई नेता आगे आते हैं तो लोग उन्हें पसंद नहीं करते. उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में कोई भी नेता उनके सामने आएगा तो उसे शिकस्त मिलेगी.


'मोदी विरोधी हैं, पर देश के पीएम हैं'


पीएम आचार्य प्रमोद ने कहा कि विपक्ष को समझना चाहिए कि पीएम नरेंद्र मोदी एक ताकतवर और लोकप्रिय नेता है. मोदी जन साधारण के हृदय को छूने का काम करते हैं. वे जनता के मन की बात के लिए ही सब कुछ करते हैं. यह अलग बात है कि वो भारतीय जनता पार्टी के नेता है. वह हमारे विरोधी हैं, लेकिन देश के प्रधानमंत्री हैं. पीएम मोदी जैसे लोकप्रिय नेता के सामने ऐसे नेता को खड़ा नहीं किया जा सकता, जिसकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता न हो. 


'PM सियासी पार्टियां नहीं, जनता बनाती है'


कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के सलाहकार प्रमोद कृष्णम ने कहा कि क्षेत्रीय दल अपने नेता को पीएम बनाना चाहते हैं. लोकतंत्र में उनका अधिकार है, लेकिन पीएम पार्टियां नहीं बनाती. देश की जनता पीएम बनाती है, इसलिए जनता को जो भी चेहरा अच्छा लगता है, जनता उसे वोट देती है. अभी क्षेत्रीय दलों के पास ऐसा कोई नेता नहीं है, जो सीधे तौर पर मोदी को शिकस्त दे सके. आचार्य प्रमोद ने कहा कि मोदी के खिलाफ कैंपेन चलाना विपक्ष की बेवकूपी है. विपक्ष को समझना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा कोई दूसरा चेहरा नहीं है. 


राहुल गांधी इसलिए नहीं हो सकते पीएम फेस


पीएम पद के लिए राहुल गांधी के बजाय आप प्रियंका गांधी का नाम क्यों लेते है, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राहुल और प्रियंका में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 2019 में चेहरा थे. उसके बाद उन्होंने खुद ही कहा कि वह किसी पद की लालसा नहीं रखते. राहुल गांधी तपस्वी की भूमिका में हैं. उन्हें पदों की लालसा नहीं है. यदि वह पीएम पद के दावेदार होते तो वे कांग्रेस अध्यक्ष पद स्वीकार्य कर लेते. जब वह कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए तैयार नहीं हुए, तो वत्रह पीएम का चेहरा बनने के लिए कैसे तैयार होंगे. वह एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं.


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