Delhi MLAs Salaries: दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विधायकों के वेतन, भत्तों और अन्य सुविधाओं की समीक्षा करने के लिए एक विशेष एडहॉक कमेटी का गठन किया है. यह समिति मौजूदा वेतन और भत्तों की स्थिति की जांच करेगी और संभावित संशोधनों पर अपनी सिफारिशें देगी, ताकि विधायकों को उपयुक्त सुविधाएं मिल सकें.

अध्यक्ष द्वारा गठित इस एडहॉक कमेटी में पांच सदस्य शामिल किए गए हैं. इस समिति के अध्यक्ष अभय वर्मा होंगे, जबकि अन्य सदस्यों में सूर्य प्रकाश खत्री, पूनम शर्मा, संजीव झा और विशेष रवि को शामिल किया गया है. इन सदस्यों को विधायकों के कार्यभार, जिम्मेदारियों और आवश्यक संसाधनों को ध्यान में रखते हुए समीक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई है.

वेतन और सुविधाओं पर क्यों उठ रहे सवाल?

वर्तमान में दिल्ली में विधायकों का मासिक वेतन 90,000 रुपये है, जिसमें वेतन के अलावा यात्रा भत्ता, टेलीफोन भत्ता, सचिवीय सहायता और अन्य सुविधाएं शामिल हैं. अन्य राज्यों की तुलना में दिल्ली के विधायकों का वेतन कम माना जाता है

साल 2022 में दिल्ली सरकार ने विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था, लेकिन मंजूरी नहीं मिली थी. उस समय वेतन 54,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये किया गया था. अब एक बार फिर यह मामला चर्चा में है.

क्या करेगी समिति?

• विधायकों को मिलने वाले वेतन और भत्तों की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेगी.

• अन्य राज्यों के विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं से तुलना करेगी.

• विधायकों के बढ़ते कार्यभार और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार करेगी.

• जरूरत के अनुसार संशोधन की सिफारिशें देगी.

15 दिन में देनी होगी रिपोर्ट

विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने साफ किया है कि समिति को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी. समिति को तय समय-सीमा में समीक्षा पूरी करनी होगी और अपनी सिफारिशें अध्यक्ष को देनी होंगी, ताकि आगे की जरूरी कार्रवाई की जा सके. इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में वेतन बढ़ोतरी को लेकर बहस तेज हो सकती है. विपक्ष का कहना है कि दिल्ली के विधायकों का वेतन अन्य राज्यों की तुलना में कम है, जिससे वे ठीक से अपने क्षेत्र में काम नहीं कर पाते. वहीं, कुछ लोग इसे अनावश्यक खर्च मानते हैं और बढ़ोतरी के खिलाफ हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि समिति क्या सिफारिशें देती है और सरकार इस पर क्या फैसला लेती है.

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