Pandav Nagar Mochi: 21वीं सदी में जहां देश-दुनिया ने इतनी तरक्की कर ली है, तकनीक ने लोगों को काफी उन्नत बना दिया है. कोई भी, किसी भी काम को कर सकता है. ऐसे में क्या आप काम के आधार पर आज के समय में जाति की परिकल्पना को स्वीकार कर सकते हैं या फिर उस मानसिकता को सही समझते हैं, जिसमें किसी को उसका 'सरनेम' लगाने से सिर्फ इसलिए मना किया जाता है, क्योंकि वो किसी और दूसरे की नजर में छोटा काम कर रहा है? निश्चित ही आपका जवाब नहीं में होगा. इस आधुनिक वक्त में भी कुछ लोग हैं, जो इस तरह की दकियानूसी सोच को रखते हैं.


ऐसा ही एक मामला दिल्ली के पांडव नगर थाना इलाके के मयूर विहार फेज 1 आया है. इस बीच एबीपी लाइव की टीम मौके पर पहुंची, जहां हिंदुस्तान टाइम्स अपार्टमेंट के ठीक सामने सड़क के फुटपाथ पर एक शख्स जूतों को रिपेयर करने का काम करता दिखा. अगर सीधे शब्दों में कहें तो, मोची की छोटी से दुकान चलाता है. एबीपी लाइव की टीम ने दुकान चलाने वाले शख्स का नाम पूछा तो उन्होंने अपना नाम राम अवतार वर्मा बताया. अब आप सोच रहे होंगे, इसमें कौन सी खबर है? तो खबर ये है कि राम अवतार के वर्मा सरनेम से एक दूसरे वर्मा को आपत्ति है. साथ ही वह दो बार राम अवतार को वर्मा सरनेम हटा कर 'मोची' लिखने के लिए धमका चुके हैं.


राजस्थान से दिल्ली आए थे राम अवतार वर्मा 


राजस्थान से 24 साल पहले अपने परिवार के साथ दिल्ली आए राम अवतार वर्मा मयूर विहार फेज 1 में जूते रिपेयर करके अपने परिवार का पेट भरते हैं. उनके और परिवार के सभी दस्तावेजों में उनकी पहचान वर्मा सरनेम के साथ दर्ज हैं, लेकिन आज उन्हें अपना सरनेम हटा कर पहचान बदलने को मजबूर किया जा रहा है. पेशे से वकील जीएल वर्मा नाम के शख्स की नजर उनकी सोसाइटी के सामने जूते बनाने वाले राम अवतार वर्मा की दुकान के साथ उनके सरनेम पर भी पड़ी. इसके बाद उन्होंने कहा कि वो वर्मा हैं और राम अवतार मोची का काम करता है, इसलिए उन्हें अपने नाम के साथ वर्मा हटाकर मोची लिखना पड़ेगा, नहीं तो उनकी दुकान हटवा दी जाएगी.


दोबारा सरनेम दिखने पर अपशब्द कहने का आरोप


राम अवतार ऐसा करना नहीं चाहते हैं. हालांकि, परिवार का पेट भरने और घर चलाने के डर की वजह से एक बार को तो उन्होंने अपना सरनेम कागज से ढंक भी दिया, लेकिन बारिश की वजह से सरनेम के ऊपर चिपका कागज निकल गया और वापस उनका पूरा नाम फुटपाथ के किनारे जूतों को रखने के लिए बनाये गए बॉक्स पर नजर आने लगा. इस पर फिर से जीएल वर्मा की नजर पड़ी और इस बार उन्होंने उसे अपशब्द कहते हुए फिर से वर्मा सरनेम का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी और मोची लिखने के लिए मजबूर किया.


शिकायत मिलने पर की जाएगी कार्रवाई- पुलिस


इससे आहत हो कर राम अवतार वर्मा अब लोगों से मदद और पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, जिससे उनकी और परिवार की पहचान को छुपाने के लिए मजबूर न होना पड़े. इस मामले में पांडव नगर थाना के अधिकारियों से बात करने पर उन्होंने कहा कि अब तक इसकी लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है. शिकायत मिलने पर संबंधित धराओं में मामला दर्ज कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. संभव है कि पुलिस में शिकायत जाने के बाद कथित आरोपी अब राम अवतार वर्मा को उनके सरनेम को हटाने के लिए मजबूर न करें, लेकिन इस सोच को निश्चित ही बदलने की जरूरत है.


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