Delhi News: दिल्ली सरकार सतर्कता विभाग की ताजा रिपोर्ट एलजी के पास पहुंचने के बाद से सीएम आवास विवाद एक बार फिर चर्चा में है. विभागीय रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास निर्माण पर करीब 45 करोड़ नहीं बल्कि 52 करोड़ से अधिक रुपए की लागत आई है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार के सतर्कता निदेशालय की ओर से एलजी विनय सक्सेना को सौंपी गई 'तथ्यात्मक रिपोर्ट' में इस बात का जिक्र है. लोक निर्माण विभाग के रिकॉर्ड के हवाले से सतर्कता अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 52.71 करोड़ रुपये में घर के निर्माण पर 33.49 करोड़ रुपये और मुख्यमंत्री के लिए एक कैंप कार्यालय पर 19.22 करोड़ रुपये खर्च किए गए.  


दिल्ली सरकार विशेष सचिव सतर्कता वाईवीवीजे राजशेखर के इस रिपोर्ट पर हस्ताक्षर हैं. इसे 12 मई को उपराज्यपाल को सौंपा गया था. इसके एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण के मामले में फैसला आम आदमी पार्टी की सरकार के हक में दिया था. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक पीडब्ल्यूडी ने शुरू में अनुमान लगाया था कि निर्माण पर 15 से 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे. 8.61 करोड़ रुपये का पहला टेंडर 20 अक्टूबर, 2020 को दिया गया था. इसमें नए भवन के निर्माण का जिक्र नहीं था. इसमें यह भी बताया गया कि वित्त विभाग के 2020 के एक आदेश के खिलाफ कोविड-19 महामारी के दौरान निर्माण कार्य किया गया था. जबकि आदेश में केवल आपातकालीन प्रकृति के व्यय की इजाजत थी.


2020 में सत्येंद्र जैन ने दिया था प्रस्ताव


दिल्ली सरकार सतर्कता विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री ने मार्च 2020 में अतिरिक्त आवास व्यवस्था का प्रस्ताव दिया था, जिसमें एक ड्राइंग रूम, दो बैठक कक्ष और 24 लोगों की क्षमता वाला एक भोजन कक्ष शामिल हैं. साथ में मौजूदा ढांचे में बदलाव कर ऊपर एक मंजिल डालने का भी प्रस्ताव दिया था. विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक पीडब्ल्यूडी ने छह फ्लैग स्टाफ रोड पर स्थित मौजूदा ढांचे को इस आधार पर गिराने का प्रस्ताव दिया था. पीडब्लूडी ने बताया था कि सीएम आवास 1942-43 में बना पुराना ढांचा था और इसकी मियाद 1997 में पूरा हो चुका है. पीडब्ल्यूडी ने सिफारिश की थी कि परिसर के भीतर अतिरिक्त निर्माण किया जा सकता है और मौजूदा बंगले को बैरिकेडिंग से अलग किया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक बार निर्माण पूरा हो जाने के बाद मुख्यमंत्री और उनका परिवार नए बंगले में स्थानांतरित हो सकता है और मौजूदा बंगले को गिराया जा सकता है.


AAP का दावा- जब बीजेपी को...


दूसरी तरफ आप ने एक बयान में कहा है कि यह 'दुर्भाग्यपूर्ण' है कि पिछले नौ वर्षों में केजरीवाल की छवि खराब करने के अपने सभी प्रयासों में विफल रहने के बाद बीजेपी मुख्यमंत्री आवास को निशाना बना रही है. आप की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे यह कहा जा सके कि कोई अपराध किया गया है. यह पहली बार है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए एक आधिकारिक रिहायशी परिसर बनाया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री आवास, एक कार्यालय सचिवालय, एक सभागार और स्टाफ क्वार्टर शामिल हैं.


एलजी ने दिया था फाइल सुरक्षित रखने का आदेश


बता दें कि बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण में अनियमितताओं के आरोपों के बीच उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अप्रैल में मुख्य सचिव नरेश कुमार को सभी संबंधित फाइलों को सुरक्षित रखने और एक तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.


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