Delhi Crime News: 15 साल की मासूम नाबालिग लड़की जब 18 सितंबर 2024 की सुबह अचानक अपने घर से गायब हुई, तो परिवार के लिए जैसे दुनिया थम गई. दिल्ली के गीता कॉलोनी की गलियों में दिन-रात उसकी तलाश होती रही, लेकिन न उसका कोई सुराग मिला, न उसकी परछाईं. परिवार का दिल रोज़ डूबता रहा, लेकिन AHTU की टीम ने हार नहीं मानी. इंस्पेक्टर बलबीर सिंह की अगुवाई में बनाई गई एक छोटी सी टीम महिला एसआई शिल्पी गुप्ता, एएसआई शीशपाल और महिला हेड कांस्टेबल संगीता , इस केस के पीछे ऐसी लगन से जुटी कि हर झूठ की परत खुलने लगी. जल्द ही शक की सुई एक नाम पर आकर टिक गई अनीस खान, एक स्थानीय फेरीवाला, जो समोसे और पट्टियां बेचा करता था. जांच में पता चला कि जिस दिन लड़की लापता हुई, उसी दिन अनीस भी गायब हो गया और हैरानी की बात यह कि अनीस पहले से शादीशुदा था, एक बच्चा था और उसकी पत्नी गर्भवती थी. दिल्ली से मुरैना, मुरैना से गुजरात, और फिर ग्वालियर तक की तलाशकभी बंद मोबाइल नंबरों के पीछे भागती पुलिस, कभी इंस्टाग्राम के फर्जी आईडी से मिले लोकेशन डाटा को जोड़ती टीम. कभी ट्रेनों में हॉटस्पॉट शेयर करने वालों की तलाश, तो कभी अनजान चेहरों की पहचान. आठ महीने तक पुलिस ने न थकने की कसम खा ली थी. अंततः सोशल मीडिया अकाउंट की लोकेशन ने इशारा किया, ग्वालियर के मलगढ़ा चौक की ओर, एक गुप्त सूचना ने आग में घी का काम किया और आरोपी को उस इलाके में देखा गया था. 03 मई 2025, सुबह का वक्तएक बंद घर का दरवाज़ा खटखटाया गया और जब दरवाज़ा खुला, तो सामने थी वो मासूम बच्ची थकी हुई, गुमसुम, डरी हुई. उसकी आंखें बहुत कुछ कह रही थीं, मगर जुबां चुप थी. पुलिस को देखकर उसकी आंखों में डर की जगह पहली बार सुकून दिखा. साथ ही पकड़ा गया अनीस खान, जो आठ महीने तक उसे छिपाकर रखे हुए था. मासूम पर टूटा कहरपूछताछ में सामने आया कि लड़की अब दो महीने की गर्भवती है. अनीस ने उसे किसी से बात नहीं करने दी, मोबाइल से सिम तक निकाल ली थी. वो सिर्फ उसके इशारों पर जी रही थी एक कैदी की तरह. इंसाफ की शुरुआतलड़की को मेडिकल जांच के बाद परिवार को सौंपा गया. आरोपी पर गंभीर धाराओं में कार्रवाई शुरू हो चुकी है.पुलिस इस मामले में अभी जांच कर रही है कि आरोपी के साथ कौन लोग इस काम मे उसके साथ थे.
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