Delhi News: दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास विवाद (Delhi CM Residence Controversy) के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा प्रारंभिक जांच की एफआईआर दर्ज करने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं ने बीजेपी (BJP) और जांच एजेंसियों को निशाने पर लिया है. आप नेताओं ने कहा कि सीबीआई की ये कार्रवाई बीजेपी की हताशा का प्रतीक है. बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नए सरकारी आवास के निर्माण को लेकर दिल्ली सरकार के अज्ञात लोक सेवकों द्वारा कथित रूप से बरती गई ‘अनियमितता और कदाचार’ की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है. जांच एजेंसी ने बुधवार को इस बाबत पीई भी दर्ज की है. 


दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि वो सीबीआई जांच का स्वागत करती है. पार्टी ने दावा किया है कि 'जैसा कि अब तक अन्य सभी मामलों में हुई पिछली जांचों में हुआ है, इसमें कुछ भी सामने नहीं आएगा. यह ‘आप’ को बदनाम करने की बीजेपी की हताशा भरी कोशिश है. 


PWD से मांगे जरूरी दस्तावेज


दूसरी तरफ सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली सरकार के अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ पीई दर्ज की है. पीई यह देखने के लिए दर्ज की जाती है कि क्या आरोपों को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के वास्ते प्रथम दृष्टया कोई सामग्री है या नहीं. सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सोमवार को पत्र लिखकर उससे आवास से संबंधित रिकॉर्ड 3 अक्टूबर तक मांगे हैं, जिनमें बदलाव के संबंध में उसके अधिकारियों की सिफारिश और मंजूरी, निविदा दस्तावेज, ठेकेदारों द्वारा लगाई गई बोली, भवन योजना को मंजूरी और मॉड्यूलर रसोईघर, मार्बल का फर्श और अन्य सजावटी कार्य जैसी बेहतर विशिष्टताओं के लिए ग्राहक से अनुरोध शामिल हैं. एजेंसी ने पीडब्ल्यूडी से ठेकेदार एके बिल्डर्स और परियोजना के सलाहकार को किए गए भुगतान से संबंधित रिकॉर्ड जमा करने को भी कहा. साथ में कई अन्य दस्तावेज भी मांगे हैं.


44.78 करोड़ खर्च का दावा


दरअसल, अप्रैल 2023 में कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया था कि केजरीवाल के सिविल लाइंस में छह फ्लैगस्टाफ रोड स्थित सरकारी घर में अतिरिक्त निर्माण के लिए 43.70 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे. जबकि खर्च 44.78 करोड़ रुपये किए गए. दस्तावेजों के मुताबिक यह पैसा नौ सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच छह किस्तों में खर्च किया गया.


नियमों के खिलाफ बना आलीशान बंगला!


दिल्ली सीएम आवास पर कथित फिजूलखर्ची को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने ‘आप’ पर हमला बोला था और कहा था कि केजरीवाल ने सत्ता में आने पर आम आदमी की तरह सामान्य घर में रहने का वादा किया था. बीजेपी ने बुधवार को कहा कि लोग देखना चाहते हैं कि नियमों के खिलाफ जाकर आलीशान बंगला कैसे बना. कांग्रेस ने कहा कि कानून अपना काम करेगा. दिलचस्प है कि कांग्रेस और ‘आप’ विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा है.


जनहित में काम करने से रोकने की कोशिश


आप ने किसी भी तरह का गलत काम करने से इनकार किया है और बीजेपी पर ‘आप’ को खत्म करने के लिए अपनी सारी शक्ति का इस्तेमाल’ करने का आरोप लगाया है. आप ने आरोप लगाया है कि यह घटनाक्रम अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी को लोगों के लिए काम करने से रोकने की बीजेपी की कोशिश का हिस्सा है. पार्टी ने कहा, 'बीजेपी की धर्म और जाति की राजनीति आप के अच्छे काम से हार जाएगी. यही कारण है कि देश के सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्री सत्येन्द्र जैन और मनीष सिसोदिया को सलाखों के पीछे डाल दिया गया.'


बीजेपी नहीं चाहती गरीब के हित में काम हो


आप ने कहा, “सिर्फ ‘आप’ ही है जो स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अच्छे कार्यों के नाम पर लोगों से वोट मांगती है जबकि बीजेपी  नहीं चाहती है कि गरीब लोगों को अच्छी शिक्षा और बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें.” बीजेपी अब सभी जांच एजेंसियों को लगाकर अरविंद केजरीवाल को घेरने की कोशिश कर रही है. सीएम केजरीवाल के खिलाफ 50 से ज्यादा मामले दर्ज किए और जांच की, लेकिन कुछ नहीं निकला. इससे सीबीआई जांच से भी कुछ नहीं निकलेगा.”


जांच से सच सामने आएगा: वीरेंद्र सचदेवा


दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि सीबीआई जांच से जल्द ही पता चल जाएगा कि किसके निर्देश पर सीएम केजरीवाल के लिए आलीशान बंगले के निर्माण के लिए निविदा जारी करने के नियमों का 'उल्लंघन' किया गया था. सचदेवा ने जांच का स्वागत करते हुए कहा, “सीबीआई जांच से दिल्लीवासी जानना चाहते हैं कि केजरीवाल जिस टाइप-7 बंगले के हकदार थे, उन्होंने उससे भी बड़ा बंगला कैसे बनवा लिया, जहां लाखों रुपये की टॉयलेट सीट और परदे लगाए गए हैं.”


AAP सियासी प्रतिशोध की कीमत चुकाने को तैयार


आप ने बीजेपी राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए कहा, ''बीजेपी चाहे कितनी भी जांच करा ले, केजरीवाल आम लोगों के हित में लड़ते रहेंगे. केजरीवाल ने भारत को दुनिया का नंबर एक देश बनाने का संकल्प लिया है और वह ऐसा करेंगे. वह इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हैं.' 


इस मामले में कानून करेगी अपना काम


दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'हम हमेशा अनियमितताओं के खिलाफ हैं. हमने पहले भी इसके लिए अपने ही मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की है. हालांकि, इस मामले में हमें कुछ नहीं कहना है. कानून अपना काम करेगा.'


PWD ने दिया था घर बनाने का सुझाव


आप के सांसद संजय सिंह ने उस समय कहा था कि केजरीवाल का आधिकारिक आवास 1942 में बनाया गया था और इसकी छत तीन बार गिर चुकी थी. उन्होंने कहा था कि छत गिरने की घटनाओं के बाद पीडब्ल्यूडी ने फिर से घर बनाने का सुझाव दिया और यह बनाया गया. उन्होंने दावा किया था कि घर को फिर से बनाने पर 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. केजरीवाल 2015 में मुख्यमंत्री बनने के बाद से सिविल लाइंस इलाके में स्थित छह फ्लैगस्टाफ रोड पर आधिकारिक आवास में रहे रहे हैं. दस्तावेजों के मुताबिक कुल खर्च में 11.30 करोड़ रुपये आंतरिक सज्जा, 6.02 करोड़ रुपये पत्थर और मार्बल फर्श, एक करोड़ रुपये इंटीरियर कंसल्टेंसी, 2.58 करोड़ रुपये बिजली संबंधी फिटिंग और उपकरण, 2.85 करोड़ रुपये अग्निशमन प्रणाली, 1.41 करोड़ रुपये वार्डरोब और एसेसरीज फिटिंग पर और किचन उपकरणों पर 1.1 करोड़ रुपये का खर्च शामिल है.


जानें, क्या होता है पीई जांच


केंद्रीय जांच ब्यूरो की प्रारंभिक जांच कोई आपराधिक मामला नहीं है बल्कि आपराधिक जांच की शुरुआत भर है. अगर सीबीआई को सबूत मिले तो वह नियमित मामला या आपराधिक मामला दर्ज करेगी. सबूत न मिलने पर जांच आगे नहीं बढ़ती हे. 


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