Delhi News: दिल्ली की एक अदालत ने पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) को उनके खिलाफ कुश्ती कोच नरेश दहिया (Naresh Dahiya) द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत के मामले में निजी तौर पर पेश होने से एक दिन की छूट दी. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट यशदीप चहल ने पूनिया को राहत दी जब उनके वकील ने सूचित किया कि, वह आगामी एशियाई खेलों को देखते हुए अभ्यास सत्र के लिए किर्गिस्तान गए हैं.  बता दें कि, न्यायाधीश ने इससे पहले छह सितंबर को भी बजरंग को निजी तौर पर पेश होने से चिकित्सा आधार पर एक दिन की छूट दी थी, क्योंकि उनके वकील ने कहा था कि उनको बुखार है.


वहीं न्यायाधीश ने तीन अगस्त को बजरंग को छह सितंबर को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा था कि प्रथम दृष्टया पहलवान के खिलाफ अवमानना का मामला नजर आता है. जज ने कहा था, 'शिकायत, सहायक दस्तावेज और समन पूर्व साक्ष्य पर विचार करने पर मेरा मेरा प्रथम दृष्टया विचार है कि मानहानि के सभी तत्व बनते हैं. ऐसा लगता है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया गया बयान दुर्भावनापूर्ण इरादे का परिणाम था और अच्छे इरादे से नहीं दिया गया था.


अपमानजनक टिप्पणी मामले में हुई कार्रवाई
नरेश दहिया ने दावा किया है कि बजरंग ने अन्य पहलवानों/व्यक्तियों के साथ मिलकर 10 मई को जंतर-मंतर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में डब्ल्यूएफआई के मौजूदा प्रमुख सांसद बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कुछ महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. बता दें कि बजरंग पुनिया उन शीर्ष पहलवानों में शामिल थे जो पिछले दिनों दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग करते हुए धरना दे रहे थे. पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.



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