देश की राजधानी दिल्ली में खतरनाक होते जा रहे प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर सख्ती दिखाई है. बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली में स्कूल खोलने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार से पूछा कि जब वयस्कों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा है तो बच्चों को स्कूल जाने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है. अदालत ने कहा कि आप कोर्ट में कुछ कहते हैं और सच कुछ और होता है. हमें दिल्ली सरकार पर निगरानी के लिए किसी को नियुक्त करना होगा. आइए जानते हैं कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली और केंद्र की सरकारों ने कौन-कौन से कदम उठाए हैं.


दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण आयोग ने दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कई तरह के निर्देश दिए थे. 



  • सभी स्कूल-कॉलेजों को पहले 21 नवंबर तक के लिए बंद कर दिए गए थे. दिल्ली सरकार ने उन्हें 29 नवंबर से फिर से खोल दिया.

  • जरूरी सेवाओं को छोड़कर डीजल से चलने वाले ट्रकों के 30 नवंबर तक दिल्ली आने पर पाबंदी लगा दी गई थी.  

  • दिल्ली में सभी तरह के निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी. इस पाबंदी से रेलवे, मेट्रो, एयरपोर्ट और आईएसबीटी को बाहर रखा गया था.

  • दिल्ली मेट्रो और बसों में खड़े होकर यात्रा करने की इजाजत दे दी गई थी.

  • डीटीसी बसों के अलावा स्कूल और निजी बसों को किराए पर लेकर पर्यावरण बस सेवा शुरू की गई है. यह सेवा नोएडा में भी जारी है.

  • एंटी स्मॉग गन और पानी का छिड़काव करने वाली मशीनों का लगाया गया था.

  • दिल्ली के 300 किमी के दायरे में आने वाले 11 में से 6 थर्मल पावर प्लांट 30 नवंबर बंद तक कर दिए गए थे. 


केंद्र सरकार के कदम



  • नई संसद और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर जारी निर्माण कार्यों का केंद्र सरकार ने बचाव किया.

  • सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना बताया.

  • केंद्र सरकार ने बताया कि नई संसद और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में प्रदूषण नियंत्रण के मानकों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

  • सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में प्रदूषण नियंत्रण के लिए एंटी स्मॉग गन, पानी की बौछार करने वाली मशीनों, धूल के कणों को नियंत्रित करने के लिए मैग्निशियम क्लोराइड का इस्तेमाल किया जा रहा है.

  • निर्माण सामग्री के ट्रांसपोर्टेशन के लिए कन्वेयर बेल्ट का इस्तेमाल और सभी निर्माण सामग्री को नमी वाले स्थान पर रखा जा रहा है.

  • दिल्ली में सीपीडब्लूडी ने अपने निर्माण कार्यों को रोक दिया है. 


शून्य से 50 एक्यूआई वाले स्तर को अच्छी गुणवत्ता वाला माना जाता है. वहीं 51 से 100 एक्यूआई वाले को संतोषजनक, 101 से 200 एक्यूआई को मॉडरेट, 201 से 300 तक को खराब, 301 से 400 तक की एक्यूआई को बहुत खराब और 401 से 500 एक्यूआई वाली हवा को सीवियर माना जाता है.