Delhi News: राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), जहां दिल्ली ही नहीं बल्कि देश और दुनिया भर से लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं. यही वजह है कि हर दिन ही यहां मरीजों की भीड़ लगी रहती है. यह भीड़ और भी दोगुनी-तिगुनी हो जाती है मरीजों के साथ आने-वाले उनके तीमारदारों के कारण. जिससे एम्स में काफी भीड़ इकट्ठा हो जाती है और इससे मरीजों के साथ-साथ डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी काफी सुविधाओं का सामना करना पड़ता है.


इससे लिफ्ट पर भी काफी दबाव रहता है. कई बार ऐसे हालात उत्पन्न हो गए कि मरीज को इलाज के लिए लिफ्ट में प्रवेश करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है, जो 15 से 20 मिनट तक लंबा हो जाता है, जो मरीजों के हित के लिए अच्छा नहीं है. इसे लेकर लंबे समय से ओपीडी के डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तीमारदारों की संख्या पर लगाम लगाने की मांग भी कर रहे थे.


मरीज के साथ सिर्फ एक तीमारदार को ओपीडी में जाने की अनुमति


इसे देखते हुए अब एम्स प्रशासन ने ओपीडी में इलाज कराने आने वाले मरीजों की तीमारदारों की संख्या को सीमित करते हुए एक तीमारदार को मरीज के साथ ओपीडी और सैम्पल कलेक्शन एरिया में जाने की अनुमति दी है. जिसे सख्ती से लागू करने के निर्देश एम्स प्रशासन की तरफ से दिये गए हैं. हालांकि, विशेष परिस्थिति में मरीज के साथ एक से ज्यादा तीमारदारों को अनुमति दी जा सकती है. वहीं, अस्पताल में भर्ती मरीजों से मिलने के भी समय शाम 4 से 6 बजे के बीच गेट पासधारी एक तीमारदार को मरीज से मिलने की अनुमति दी जाएगी.


डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ मरीजों को भी होगा फायदा


एम्स प्रशासन के इस कदम से न केवल एम्स ओपीडी और सैम्पल कलेक्शन एरिया में मरीज के तीमारदारों की भीड़ में कमी आएगी, बल्कि मरीजों को इलाज कराने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा. वहीं डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वाहन कर पाएंगे.


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