Delhi Crime News: दिल्ली विश्वविद्यालय का दक्षिण परिसर शनिवार को पुलिस सायरनों से गूंज उठा. एनसीबी, क्राइम ब्रांच और पुलिस ने नशे के कारोबार पर मिलकर धावा बोल दिया. ड्रग्स के खिलाफ ऑपरेशन को गुप्त रखा गया था. डॉग स्क्वायड की टीम भी मैदान में थी. सूत्रों के मुताबिक पुलिस को लगातार गुप्त सूचना मिल रही थी. साउथ कैंपस में मौजूद कैफे, हॉस्टल और सार्वजनिक स्थानों पर नशे का अवैध धंधा चल रहा है. चौंकाने वाली बात थी कि नशे के धंधे में स्थानीय दुकानदार और बाहरी तत्व भी शामिल थे.
जानकारी पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स, क्राइम ब्रांच और एनसीबी ने मिलकर 'ऑपरेशन क्लीन' की रणनीति बनाई. रात करीब 8 बजे ऑपरेशन शुरू हुआ. एनसीबी के ट्रेन्ड डॉग्स ने हॉस्टलों, पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्वाइंट्स, कैफे और हॉट स्पॉट्स पर तलाशी शुरू की. कई संदिग्ध युवाओं की तलाशी ली गई. दो युवकों के बैग से संदिग्ध पाउडर और नशीली गोलियां बरामद की गईं. शुरुआती जांच में सामने आया कि नशे का नेटवर्क सोशल मीडिया के जरिए चलता था.
DU के दक्षिण परिसर में नशे का कारोबार!
स्नैपचैट और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर छात्र और सप्लायर्स संपर्क में रहते थे. ऑर्डर देने के बाद ड्रग्स की डिलीवरी कैफे या पब्लिक प्लेस में होती थी. दोनों ड्रग्स सप्लायरों से पूछताछ जारी है. 'ऑपरेशन क्लीन' पर एक छात्रा ने बताया, "कई बार कुछ लोग हॉस्टल के बाहर संदिग्ध तरीके से मिलते थे. पूछताछ करने में डर लगता था. अब पुलिस को देखकर थोड़ा भरोसा बढ़ा है."
NCB, क्राइम ब्रांच और पुलिस की कार्रवाई
दुकानदारों का कहना है कि देरी से कार्रवाई होते देखी है. पुलिस ने बताया कि अब इलाके में सीसीटीवी नेटवर्क और पुख्ता किया जाएगा. स्टूडेंट कम्युनिटी और रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर ड्रग अवेयरनेस प्रोग्राम और वर्कशॉप्स आयोजित किया जाएगा. एनसीबी की टीम भी कॉलेजों और हॉस्टलों में जागरूकता बढ़ाने के लिए मदद करेगी. सूत्रों के मुताबिक, नशे के सौदागरों का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ हो सकता है.
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