Delhi News: दक्षिण पश्चिम जिले की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) की सतर्कता और दृढ़ संकल्प ने एक बार फिर साबित कर दिया कि इंसानियत और कर्तव्यनिष्ठा से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. ऑपरेशन मिलाप के तहत दो नाबालिग बालिकाओं को गुमशुदगी की गुत्थी सुलझाते हुए सुरक्षित उनके परिवारों से मिलाया गया.
दोनों बालिकाएं, जिनकी उम्र 16 साल और 15 साल है, पिछले कई दिनों से लापता थीं. परिवारों की उम्मीद लगभग खत्म हो चली थी, लेकिन AHTU की टीम ने अथक प्रयास कर उन्हें वापस उनके अपनों के बीच पहुंचाया.
पहली गुमशुदगी 16 साल की 'S' की तलाश बनी चुनौतीदिनांक 16 मार्च 2025 को थाना नारायणा में एक परिवार ने अपनी 16 वर्षीय बेटी ‘S’ के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई. मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 137(2) के तहत दर्ज किया गया.
शुरुआती तलाशी में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली, लेकिन इंस्पेक्टर बलबीर सिंह के नेतृत्व में गठित AHTU की टीम ने हार नहीं मानी. टीम ने ‘S’ के मोबाइल नंबर की निगरानी, रिश्तेदारों से पूछताछ और सीसीटीवी फुटेज की खाक छानी.
अचानक मुंबई जाने वाली ट्रेन पकड़ लीतफ्तीश में सामने आया कि ‘S’ को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर देखा गया था, जहां से वह प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश जा रही थी. बाद में उसने अचानक मुंबई जाने वाली ट्रेन पकड़ ली. टीम ने तकनीक और मनोवैज्ञानिक रणनीति का इस्तेमाल करते हुए उससे इंस्टाग्राम के जरिये संपर्क साधा. उसे भरोसे में लिया गया और दिल्ली लौटने के लिए मनाया गया.
रेलवे स्टेशनों पर टीमों की तैनाती की गई और आखिरकार 22 मार्च की सुबह पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से ‘S’ को सकुशल बरामद कर लिया गया.
दूसरी तलाश 15 वर्षीय 'M' का सुराग लगा आम जनता से मिली मददइसी तरह 21 मार्च 2025 को थाना उत्तम नगर में 15 वर्षीय ‘M’ के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज हुई थी. AHTU की दूसरी टीम ने उसकी तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ी. दिन-रात मेहनत कर टीम ने उसकी तस्वीरें आम लोगों को दिखाईं, सोशल मीडिया पर पोस्ट की और विभिन्न ठिकानों पर दबिश दी. लगातार प्रयासों के बाद 22 मार्च को नई दिल्ली क्षेत्र से ‘M’ को सकुशल बरामद कर लिया गया.
कानूनी प्रक्रिया के बाद दोनों बालिकाएं परिवार को सौंपी गईंदोनों नाबालिग बालिकाओं को बरामद करने के बाद सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गईं और उन्हें सुरक्षित उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया. परिवारों ने दिल्ली पुलिस और AHTU टीम का आभार जताया.
AHTU की यह कामयाबी एक बार फिर साबित करती है कि ऑपरेशन मिलाप सिर्फ एक पुलिस अभियान नहीं, बल्कि समाज के उन कमजोर वर्गों के लिए एक उम्मीद की किरण है, जो अपने बच्चों के खो जाने के दर्द से जूझते हैं.
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