ABVP Ekatma Yatra: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने एकात्मता यात्रा निकाली. यह यात्रा हाल ही में JNUSU जनरल सेक्रेटरी प्रियांशी आर्या के नेतृत्व में हुए एक प्रदर्शन में कथित रूप से विभाजनकारी और जातिवादी नारे लगाए जाने के विरोध में आयोजित की गई. ABVP कार्यकर्ताओं ने इस दौरान वामपंथ और जातिवादी राजनीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
ABVP का आरोप है कि JNUSU जनरल सेक्रेटरी प्रियांशी आर्या की अगुवाई में एक प्रदर्शन के दौरान ‘तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार’ और ‘ब्राह्मणवाद हो बर्बाद’ जैसे नारे लगाए गए. इन नारों को लेकर ABVP ने कड़ा विरोध जताया और इसे समाज को बांटने वाली मानसिकता करार दिया.
ABVP का जवाब: ‘एकात्मता यात्रा’ABVP ने इस कथित जातिवादी राजनीति के खिलाफ गंगा ढाबा से बराक हॉस्टल तक एकात्मता यात्रा निकाली, जिसमें सैकड़ों छात्र शामिल हुए. यात्रा के दौरान कार्यकर्ताओं ने ABVP के झंडे लहराए और विभिन्न नारे लगाए, जिनमें शामिल थे:
•‘हिंदू-हिंदू भाई-भाई, बीच में जाति कहां से आई’•‘बाबा साहब - सावरकर की याद में, बोलो वंदे मातरम्’•‘मार्क्सवाद की कब्र खुदेगी JNU की धरती पर’•‘तुम जातिवाद से तोड़ोगे, हम राष्ट्रवाद से जोड़ेंगे’
ABVP का बयान: ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग को जवाब’ABVP JNU के प्रेसिडेंट राजेश्वर कांत दूबे ने कहा कि यह यात्रा टुकड़े-टुकड़े गैंग को जवाब देने के लिए निकाली गई थी. उन्होंने कहा, “JNU का दर्शन वामपंथी नहीं है, यह छात्रों का है. बापसा (BAPSA) जैसे संगठन सोशल जस्टिस के नाम पर अराजकता (एनॉर्की) फैला रहे हैं. जातिवाद से लड़ाई है, लेकिन हिंसात्मक और विभाजनकारी नारे दिए जाते हैं. पूरा हिंदू समाज तिलक धारण करता है और जरूरत पड़ने पर तलवार भी उठाता है. यह यात्रा उन फर्जी संगठनों को एक्सपोज करने के लिए है, जो सिर्फ उकसाने और भड़काने के लिए ऐसे नारे लगाते हैं.”
JNU में बढ़ते वैचारिक टकरावJNU लंबे समय से वामपंथ और दक्षिणपंथी विचारधारा के बीच वैचारिक संघर्ष का केंद्र रहा है. हालिया घटनाओं ने एक बार फिर इस संघर्ष को तेज कर दिया है. ABVP जहां राष्ट्रवाद और अखंडता की बात कर रहा है, वहीं वामपंथी और प्रगतिशील छात्र संगठनों का कहना है कि वे सामाजिक न्याय के लिए आवाज उठा रहे हैं.
ABVP की यह यात्रा JNU के छात्र राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है. अब देखना होगा कि इस पर JNUSU और अन्य संगठनों की प्रतिक्रिया क्या होती है.
ये भी पढ़ें: दिल्लीवालों को 100 दिनों में दिखेगा बड़ा बदलाव, जानिए क्या है PWD मंत्री प्रवेश वर्मा का प्लान?