Delhi News: राजधानी दिल्ली में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (DUSU) के चुनाव को लेकर ABVP, NSUI और AISA समेत सभी छात्र संघों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुनावी समर का आगाज कर दिया है. चार साल बाद हो रहे DUSU के चुनावी बिगुल के बजते ही छात्र संघ और प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने की कोशिश में प्रचार प्रसार में जुट गए हैं. सभी छात्र संगठनों के नेता अपने-अपने समर्थन में वोट डालने की अपील छात्रों से कर रहे हैं. हालांकि, पुरानी और मजबूत छात्र संघ AISA की मौजूदगी के बावजूद हर बार की तरह इस बार भी ABVP और NSUI के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है, जिसमें पिछली बार की तरह इस बार भी ABVP का पलरा भाड़ी नजर आ रहा है.


कोरोना की वजह से चार साल बाद हो रहे चुनाव में अभी नामांकन ही हुए हैं. अभी किसी की जीत का अंदाजा लगाना मुश्किल है.  डीयू के छात्र किस छात्र संघ के मुद्दे से खुद को जोड़ते हैं और किसे जीत का सेहरा पहनाते हैं, यह तो 22 सितंबर को होने वाली वोटिंग के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा. बात करें आंकड़ों की तो DUSU के चुनावों में पिछले 10 वर्षों में ABVP का पलड़ा जरूर भारी रहा है और ABVP इस दौरान 7 बार अध्यक्ष पद पर जीत हांसिल करने में कामयाब रही है. वहीं, DUSU की कार्यकारिणी पर भी ज्यादातर ABVP का ही कब्जा रहा है. इससे पहले 2018 और 2019 में हुए चुनावों में भी ABVP ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के पद पर अपना कब्जा जमाया था, जबकि NSUI अपना सचिव बनाने में सफल रही थी.


AAP ने चुनाव से बनाई दूरी


पिछले चुनाव के बाद कोरोना महामारी के कारण चुनाव नहीं हो पाए और अब चार सालों के बाद फिर से छात्र संघ के चुनाव हो रहे हैं, जिसके लिए ABVP, NSUI, AISA, SFI और इनसो समेत अन्य छात्र संघ पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं और सेंट्रल पैनल के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा के बाद नामांकन की प्रक्रिया को पूरी कर प्रचार-प्रसार में जुट गए हैं. हालांकि, इस छात्र संघ चुनाव से आम आदमी पार्टी के छात्र संघ ने दूरी बना रखी है और वे इस चुनाव में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. आप के प्रदेश सचिव कमल तिवारी ने बताया कि शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने चुनाव से दूरी बनाई है.


जानें प्रत्याशियों के बारे में सबकुछ 


ABVP के प्रत्याशी: बात करें छात्र संघ और उनके प्रत्याशियों की तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव के पद के लिए क्रमशः तुषार डेढा, सुशांत धनकड़, बैसला और अपराजिता के नामों की घोषणा की है.



  • अध्यक्ष पद के उम्मीदवार तुषार डेढा, पूर्वी दिल्ली के रहने वाले हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र विषय से स्नातक किया है. वे NCC के C सर्टिफिकेट होल्डर हैं और उन्हें हिंदी भाषा में वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेने की रुचि है. वर्तमान में वे डीयू बुद्धिस्ट स्टडीज विभाग में अध्ययन कर रहे हैं.

  • उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार सुशांत धनकड़, झज्जर, हरियाणा के रहने वाले हैं. उन्होंने सत्यवती कॉलेज (इवनिंग) अंग्रेजी ऑनर्स में स्नातक किया है. वे एक स्पोट्स पर्सन हैं और विभिन्न खेलों में उनकी गहरी रुचि है. उन्होंने पिस्टल शूटिंग में स्टेट लेवल पर गोल्ड मेडल जीता है और वर्तमान में वे भी दिल्ली विश्वविद्यालय के बुद्धिस्ट स्टडीज विभाग में अध्ययनरत हैं.

  • सचिव के पद के लिए चुनाव लड़ रहीं अपराजिता मुलतः उत्तर प्रदेश के जौनपुर की रहने वाली हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में अपना स्नातक किया है. महिला संबंधी विषयों हेतु निरंतर विभिन्न कार्यों में संलग्न रहती हैं, सेवा कार्य में विशेष रुचि है और वर्तमान में वे दिल्ली विश्वविद्यालय के बुद्धिष्ट स्टडीज विभाग में पढ़ाई कर रही हैं.

  • संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी सचिन बैसला मूलतः बागपत, उत्तर प्रदेश के निवासी हैं. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के रामानुजन कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की है साथ ही उन्होंने लॉ भी किया है. इससे पहले वे 2016 में रामानुज कॉलेज छात्रसंघ में सेंट्रल काउंसलर पद पर चुनाव जीत चुके हैं. वर्तमान में वे बुद्धिस्ट स्टडीज में स्नातकोत्तर के छात्र हैं.


NSUI के प्रत्याशी: वहीं, NSIU ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए क्रमशः हितेश गुलिया, अभि दहिया, यक्षना शर्मा औऱ शुभम कुमार चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है.



  • NSUI के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी हितेश गुलिया ने शहीद भगत सिंह कॉलेज से बीकॉम किया है और वर्तमान में लॉ फैकल्टी से एलएलबी तृतीय वर्ष के छात्र हैं.

  • उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार अभि दहिया, वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकल्टी से बुद्धिस्ट स्टडीज के छात्र हैं.

  • सचिव पद के लिए चुनाव लड़ रहीं यक्षना शर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से स्नातक लॉ फैकल्टी से एलएलबी तृतीय वर्ष की छात्रा हैं.

  • संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी शुभम कुमार चौधरी, दिल्ली विश्वविद्यालय के सीवीएस कॉलेज से स्नातक हैं और वर्तमान में बुद्धिस्ट स्टडीज के प्रथम वर्ष के छात्र हैं.


AISA के उम्मीदवार: AISA ने अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव तीनों ही पदों पर क्रमशः महिला उम्मीदवार आयशा अहमद खान, अनुष्का चौधरी और अंजली कुमारी को उतारा है, जबकि सचिव के लिए आदित्य सिंह के नाम की घोषणा की है.



  • अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आयशा अहमद खान पटना की रहने वाली हैं और मिरांडा हाउस कॉलेज की छात्रा हैं. वह एफवाईयूपी के पहले बैच का हिस्सा हैं और उन्हें इस कार्यक्रम का खामियाजा भुगतना पड़ा है. उन्होंने आईपी कॉलेज और मिरांडा हाउस में गुंडागर्दी और महिला छात्रों के उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलनों का नेतृत्व किया है.

  • वहीं बुलंदशहर, यूपी की रहने वाली उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवार अनुष्का चौधरी दिल्ली यूनिवर्सिटी में लॉ फैकल्टी की छात्रा हैं. उन्होंने कोविड के कारण बंद डीयू को खोलने के लिए डीयू री-ऑपन आंदोलन में एक अभिन्न भूमिका निभाई थी और 57 दिवसीय अनिश्चितकालीन हड़ताल का नेतृत्व किया.

  • सचिव पद के उम्मीदवार आदित्य प्रताप सिंह ने वर्ष 2019 में विश्वविद्यालय में प्रवेश किया था और तब से वे AISA से जुड़े हुए हैं. उन्होंने डीयू री-ऑपन आंदोलन के अलावा सीयूईटी प्रवेश में सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के आंदोलन में केंद्रीय भूमिका निभाई थी.

  • संयुक्त सचिव की उम्मीदवार अंजली कुमारी, मिरांडा हाउस की प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. ये विश्वविद्यालय में अपने पहले दिन से ही एफवाईयूपी के खिलाफ सक्रिय है.


इनसो ने इन पर लगाया दाव: इनसो ने अध्यक्ष पद पर उत्तर प्रदेश के बिजनौर की रहने वाली श्रद्धा गुप्ता को उतारा है. जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले यक्ष खत्री, सचिव पद पर बिहार से आने वाले निशी हिमांशु लाल को प्रत्याशी बनाया है, जबकि संयुक्त सचिव पद पर पूर्वांचल से आने वाले अर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है. वहीं SFI भी DUSU चुनाव में पूरे दमखम के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए अपने प्रत्याशियों के साथ प्रचार-प्रसार में लगी हुई है.


छात्र संगठनों के वादे 


सभी छात्र संघ अपने-अपने चुनावी एजेंडे के साथ छात्रों के बीच जा कर चुनाव प्रचार और समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं. ज्यादातर ने अपने मैनिफेस्टो भी जारी कर दिए हैं, तो वहीं ABVP अपने मैनिफेस्टो में छात्रों से जुड़े मुद्दों को शामिल करने के लिए छात्रों से ऑनलाइन सुझाव मांगे हैं. एबीवीपी 18 या 19 सितंबर को घोषणा पत्र जारी करेगी. जबकि NSUI ने इस बार दो मैनिफेस्टो जारी किया है, जिनमें से एक तो सामान्य मुद्दे ओर हैं, जबकि दूसरा छात्राओं की समस्याओं से संबंधित है. बता दें कि इस चुनाव में 52 कालेज के छात्र मतदान करते हैं, जिसमें एक लाख से अधिक मतदाता चुनाव में हिस्सा लेते हैं. डीयू के छात्र ईवीएम के माध्यम से मतदान करते हैं.


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