Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) के लिए साल 2023 कई सौगात लेकर आया तो नक्सली (Naxal Attack) हमले से भी इस जिले को दो चार होना पड़ा. यहां हुए कई घटनाओं ने देश में सुर्खियां बटोरीं. बस्तर संभाग विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के दौरान भी काफी चर्चा में रहा. हम ऐसी 10 घटनाओं का जिक्र करेंगे जिसने लोगों का ध्यान बस्तर की ओर खींचा.  

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हिंसा के साथ शुरुआतबस्तर संभाग के नारायणपुर जिले में 2 जनवरी 2023 को स्थानीय लोगों ने सामाजिक बैठक आयोजित की थी. यह बैठक पुलिस की निगरानी में हुई थी. और बैठक की जानकारी पुलिस ने प्रेस नोट जारी करके बताई थी. बैठक के दौरान लकड़ी डंडे से लैस कुछ झुंड अलग हुए. और स्कूल परिसर में स्थित विशेष समुदाय के थना भवन में पहुंचे और तोड़फोड़ करने लगे. जिसमें जीजस और मैरी की मूर्ति को खंडित किये. इस दौरान पथराव भी किया गया. और पथराव की चपेट में जिले के एसपी सदानंद कुमार के सिर में चोट आई थी. जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में बीजेपी के जिला अध्यक्ष समेत कुछ लोगों को गिरफ्तार किया.

33 नक्सलियों ने एक साथ किया सरेंडरसंभाग के सुकमा जिले का अंदरूनी इलाका तोंडामरका और डब्बामरका में फरवरी महीने में पुलिस द्वारा चलाए  जा रहे पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर 3 इनामी सहित 33 माओवादियों ने नक्सलवाद का दामन छोड़ दिया. इन सरेंडर करने वाले नक्सलियों में महिला माओवादी भी शामिल थीं.

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IED ब्लास्ट में 10 DRG जवान की मौतअप्रैल महीने में नक्सलियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया. दंतेवाड़ा से अरनपुर मार्ग में आईईडी ब्लास्ट किया. और आईईडी ब्लास्ट में DRG ( डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड ) के 10 जवान और 1 ड्राइवर की मौत हो गई.

कांग्रेस पार्टी को मिली बस्तर से बड़ी जिम्मेदारीछत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए 7 नवंबर को पहले चरण का मतदान बस्तर संभाग में संपन्न हुआ और चुनाव से ठीक पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने दोबारा सरकार बनाने के लिए अपने संगठन में बदलाव किया. पीसीसी अध्यक्ष की कमान बस्तर के सांसद दीपक बैज को सौंपी. इसके बाद बस्तर के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल देखने को मिला. प्रदेश अध्यक्ष ने चित्रकोट विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 

सियासत का रास्ता बस्तर से हुआ तयकहते हैं कि छत्तीसगढ़ सियासत का रास्ता बस्तर के रास्ते तय होता है. और एक बार फिर से 2023 के विधानसभा चुनाव में बस्तर ने यह दोबारा साबित कर दिया. बस्तर संभाग ने 12 विधानसभा सीटों में से 8 विधानसभा सीट बीजेपी की झोली में दी है. इससे पहले प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार रही. और बस्तर संभाग के 12 से 12 विधानसभा सीटें कांग्रेस के पास थीं.

नक्सलगढ़ में हुआ पहली बार मतदानछत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग नक्सल प्रभावित क्षेत्र है और नक्सलियों की वजह से कई ऐसे मतदान केंद्र थे जहां मतदान नक्सलियों के डर के कारण नहीं कराया जाता था और उन्हें शिफ्ट करके अन्य मतदान केंद्रों में शामिल किया जाता था. लेकिन इस साल  40 ऐसे नए मतदान केंद्र नक्सलगढ़ में बने. जहां पर ग्रामीणों ने पहली बार अपने ही मतदान केंद्रों में वोट डाला है. 

बस्तर के नेता को बीजेपी ने दी बड़ी जिम्मेदारीछत्तीसगढ़ का विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद बीजेपी ने भी अपने संगठन में बदलाव किया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी जगदलपुर से विधायक किरण देव को सौंपी है. दरअसल बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटों में 1 मात्र जगदलपुर विधानसभा सीट ही सामान्य है. और यह जगदलपुर संभागीय मुख्यालय होने के कारण काफी हाई प्रोफाइल सीट है. इस सीट पर भाजपा के विधानसभा ने जीत दर्ज की. 

दिसंबर महीने में नक्सलियों ने मचाया तांडवविधानसभा चुनाव सम्पन्न होते ही बस्तर में नक्सली भी सक्रिय हो गए. सुकमा और दंतेवाड़ा जिले में लगातार नक्सलियों ने आईईडी बम ब्लास्ट किया. साथ ही प्रेशर आईईडी की चपेट में भी जवान आ गए. जिनमें कई जवान शहीद हुए वहीं 15 से अधिक जवान गंभीर रूप से घायल भी हुए. 2 दिसंबर से शुरू हुए नक्सलियों के PLGA सप्ताह के दौरान बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में मार्ग को अवरुद्ध किया गया. साथ ही 22 दिसंबर को एक दिवसीय भारत बंद का आव्हान किया था. और इसे सफल बनाने और दहशत फैलाने के लिए सुकमा के नेशनल हाइवे में यात्री बस सहित अन्य वाहनों पर आगजनी की. 

महिला कमांडोज को पहली बार मिला आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दंतेवाड़ा जिले में सरेंडर करने के बाद महिला नक्सली को आरक्षण बनाया गया. ऐसी ही दो महिला कमांडो  सुनैना पटेल और रेश्मा कश्यप को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया. पुलिस मुख्यालय ने इन्हें आउट ऑफ प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर बनाया, देश में यह पहला मौका है जब नक्सल मोर्चे पर तैनात महिला कमांडोज को आउट ऑफ प्रमोशन का उपहार मिला.

बीजेपी के छह नेताओं की नक्सलियो ने की हत्यासाल 2023 में नक्सलियों ने बस्तर संभाग के अलग-अलग जिलों में 6 बीजेपी नेताओं को मौत के घाट उतार दिया, इसमें दो बीजेपी जिला उपाध्यक्ष , सरपंच और पूर्व सरपंच और जिला पंचायत सदस्य शामिल रहे.

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