Raipur News: पुलिस के जवानों का चोर-उचक्कों से आमना-सामना होते तो आपने बहुत देखा होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस के जवान ही आमने सामने आ गए. दरअसल हुआ ये कि पुलिस विभाग में पदस्थ दो आरक्षक अपना त्यागपत्र देने के लिए सिर पर पेटी, शरीर पर बनियान और नीचे खाकी चड्ढा पहने पैदल ही रायपुर पुलिस मुख्यालय की ओर चल दिये. जैसे ही ये जवान भिलाई पहुंचे दुर्ग पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.


अधिकारियों पर लगाया जवानों के शोषण का आरोप
हिरासत में लिए गए आरक्षक संजीव मिश्रा और उज्ज्वल दीवान ने पुलिस विभाग के अधिकारियों पर जवानों के साथ शोषण करने का आरोप लगाया है. हालांकि दोनों आरक्षकों पर पहले ही संगीन मामलों में बीजापुर और सुकमा में मुकदमा दर्ज है.


जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल पुलिस विभाग द्वारा दी गई किट पेटी को सिर पर उठाकर पुलिस मुख्यालय में अपना त्याग पत्र देने ये दोनों आरक्षक दुर्ग से जैसे ही निकले उससे पहले ही जिला पुलिस प्रशासन एलर्ट हो गया और दोनों पुलिस जवानों को भिलाई में हिरासत में ले लिया गया. दरअसल संजीव मिश्रा और उज्ज्वल दीवान के खिलाफ पहले से ही बीजापुर और सुकमा में संगीन मामलों में मामला दर्ज है. पुलिस ने दोनों आरक्षकों को ड्यूटी के दौरान शासन के विरुद्ध उकसाने और भटकाने का मामला दर्ज किया था जिसकी वजह से दोनों पुलिस विभाग से त्यागपत्र देने के लिए दुर्ग से रायपुर के लिए पैदल यात्रा के लिए निकले थे. 


क्या बोले दोनों आरक्षक
आरक्षक संजीव मिश्रा ने बताया कि पुलिस विभाग में कार्यरत आरक्षक, सहायक आरक्षक को सम्मानजनक वेतन, आवास, अवकाश और 8 घंटे ड्यूटी जैसे 45 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए शासन ने जो कमेटी बनाई है वो सवा साल बाद भी कोई निर्णय नहीं ले पाई है जिसको लेकर उनके द्वारा संघर्ष किया जा रहा है लेकिन उल्टे उन्हीं पर झूठा मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. संजीव मिश्रा सीआईडी रायपुर और उज्ज्वल दीवान धमतरी में पदस्थ थे जहां उनके खिलाफ निलंबन की कार्यवाही की गई है.


जानिए एएसपी ने क्या कहा
दुर्ग शहर एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि दोनों आरक्षकों को हिरासत में लिया गया है. दोनों के खिलाफ बीजापुर पुलिस ने दुर्ग पुलिस से संपर्क किया था. उन्होंने कहा कि दोनों के खिलाफ बीजापुर और सुकमा में संगीन मामलों में मामला दर्ज है जिसमें ये दोनों फरार थे जिन्हें हिरासत में लिया गया है. एएसपी ने कहा कि दोनों को बीजापुर पुलिस को सौंप दिया जाएगा. जहां तक उनकी मांग की बात है तो विभाग का कोई भी जवान यदि अनुशासन तोड़कर कोई मांग मंगवाता है तो वह अनुचित है.


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