Surguja News: केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना का संचालन किया जा रहा है, जिसके तहत 100 से 120 दिनों का काम ग्रामीण इलाकों के लोगों को आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए रोजगार के रूप में मुहैया कराया जाता है, लेकिन सरगुजा जिले में मनरेगा योजना के तहत मृतक भी अब काम करने जा रहे हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जिनकी 2018 में मौत हो चुकी है, उन मृतकों के खाते में 2021 में मनरेगा योजना के तहत काम करने के बाद की राशि डाली दी गई है.


दरअसल, सरगुजा जिले के बतौली विकासखंड के ग्राम पंचायत बिलासपुर की रहने वाली सबीना सोनवानी के पति इंद्रनाथ की मौत 2018 में मौत हो गई, साथ ही दादी सास केंदी बाई की भी 2018 में मौत हो जाने पर यह परिवार जैसे-तैसे अपना जीवन यापन कर रहा है. इधर जब इस बात की जानकारी लगी कि इंद्रनाथ और केन्दी बाई की मौत होने के बाद जब उनके खाते में मनरेगा योजना के तहत 2021 में काम करने की राशि उनके खाते में आ गई है, तो परिवार पूरा अचंभित रह गया. मतलब जिनकी मौत हो चुकी है, जिन्होंने मनरेगा में कभी काम नहीं किया, उनके खाते में मनरेगा में काम करने का पैसा कैसे आ गया.


इधर सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार को इस बात की जानकारी दी गई, तो उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से जानकारी मिली है. इसकी जांच कर जो भी उचित कार्यवाही होगी, वह मनरेगा के तहत की जाएगी.


बहरहाल, केन्दी बाई कभी मनरेगा योजना के तहत काम करने गई ही नहीं थी. वहीं इंद्रनाथ रोजाना काम करने मनरेगा योजना के तहत जाते भी नहीं थे, तो फिर इनके खाते में रुपए कैसे आ गए. वैसे तो जिले में बैठे मनरेगा के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इस तरह के कारनामे सामने आते रहते हैं, लेकिन मौत हो जाने के बाद भी उनके खाते में राशि चले जाने को सबसे बड़ी लापरवाही के रूप में देखी जा रही है. अब देखना होगा कि इस लापरवाही के लिए किन अधिकारियों पर गाज गिरती है.


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