Fire In Surajpur Forest: सूरजपुर (Surajpur) जिले के चांदनी-बिहारपुर वनपरिक्षेत्र के जंगलों में भीषण आग लगने से पूरा जंगल आग की लपटों से धधक रहा है. चारों ओर धुंआ ही धुंआ दिखाई पड़ रहा है. यही नहीं आग लगातार जंगल में फैल रही है, जिससे पेड़-पौधे जलकर नष्ट हो जा रहे हैं. इसके बावजूद गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान रेहण पार्क परिक्षेत्र के मैदानी अमले की उदासीनता के कारण पूरा जंगल बर्बाद हो रहा है. विभागीय अधिकारी जानकारी होने के बाद भी मूकदर्शक बने हुए हैं. 


इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, जिले के दूरस्थ ग्राम चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में विगत एक सप्ताह से जंगल में भीषण आग लगी हुई है और विभाग का मैदानी अमला आग पर काबू पाने कोई कारगर पहल नहीं कर रहा है. जिससे जंगल के पेड़ पौधों के साथ जंगली जीवन-जन्तु भी आग की चपेट में आ रहे हैं. साथ ही जंगल में लगी भीषण आग का धुंआ गांव की ओर फैल रहा है, जिससे श्वांस संबंधी बीमारियों का भी खतरा बढ़ रहा है.


चारों ओर आग की लपटें


क्षेत्र के अवन्तिकापुर, कोल्हुआ, महुली, कछवारी, चोंगा, खैरा, करौटी पेंडारी, पासल, नवडिहा, कछिया, जुडवनीया मोहरसोप, बसनरा, खोहिर, बैजनपाठ, लुल, तेलाईपाठ, भून्डा, रसौकी, रामगढ़, उमझर, पालकेवरा, छतरंग, बाक, के जंगल आग की चपेट में हैं. दूसरी ओर जंगल में लगी आग की रुख अब इन गांव की ओर फैल गई है. जंगल में चारों ओर आग की लपटें और धुएं के गुबार नजर आने लगे हैं. चांदनी-बिहारपुर से जंगल में पहले ही आग ने भीषण रूप लिया. संभावना जतायी जा रही है कि अगर आग पर काबू नहीं पाया गया तो पूरा का पूरा जंगल जलकर खाक हो जाएगा. ग्रामीणों ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों से जंगल में लगी को को बुझाने की मांग की है.


क्षेत्र के लोगों का कहना है कि गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के जिम्मेदार रेंजर क्षेत्र से महीनों तक नदारद रहते हैं. वो सूचना देने के बावजूद कोई पहल नहीं करते हैं. इधर वन विभाग के दावों की भी पोल खुल गई है. जो विभाग दावा करते नहीं थकता कि जंगलों में आग लगने की खबर उन्हें रायपुर से ही सेटेलाईट के माध्यम से मिल जाती है, लेकिन अभी तक वो आग बूझाने में नाकाम है.


बस्ती की ओर आग


जिले का दूरस्थ क्षेत्र चांदनी-बिहारपुर जंगलों से घिरा हुआ है. क्षेत्र के लगभग दर्जन भर से अधिक जंगलों में आग लगने के बाद इसकी लपटें धीरे-धीरे पूरे जंगल में फैल रही हैं. चारों ओर धुंए के गुबार नजर आ रहे हैं. वहीं क्षेत्र के लोगों का कहना है कि अगर इसी तरह आग फैलती रही और इसे नहीं बुझाया गया तो जल्द ही इसकी लपटें बस्ती तक पहुंच जाएंगी.


विभाग का मैदानी अमला हुआ सक्रिय


गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान के रेंजर ललित साय पैकरा ने बताया कि जंगल में आग लगने की खबर उन्हें मिली है. वन विभाग के मैदानी अमले को वन्य क्षेत्र में सक्रिय कर दिया गया है. क्षेत्र के जंगलों में जहां-जहां आग लगी है, वहां विभाग के मैदानी अमले को भेजकर आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही आग पर काबू पा लिया जाएगा.


महुआ संग्रहण करने वाले लगा रहे आग


वन विभाग का कहना है कि क्षेत्र में बहुतायत में महुआ पेड़ हैं. महुआ का सीजन होने के कारण क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ सीमावर्ती मध्य प्रदेश के लोग भी जंगलों में महुआ एकत्र करने के लिए सक्रिय हो गए हैं. संभवतः उन्हीं लोगों के द्वारा जंगलों में आग लगाई गई है. क्योंकि जंगल में पत्तों के झड़ने के कारण चारो ओर पेड़ पौधों के पत्ते बिछ गए हैं. ऐसे में महुआ एकत्र करने वाले आग लगा देते हैं, जिससे पूरा जंगल आग की चपेट में आ गया है.


Chhattisgarh: जनजाति सुरक्षा मंच की महारैली, धर्म परिवर्तन करने वालों को आरक्षण का लाभ नहीं देने की मांग