Soldiers Hoisted National Flag on Karegutta Hill: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कर्रेगट्टा के पहाड़ियों में पिछले 15 दिनों से जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन में जवानों को सफलता मिल रही है. जवान धीरे धीरे नक्सलियों के इस इलाके को अपने कब्जे में ले रहे हैं. दरअसल, यह पहली बार है जब जवान नक्सलियों के सबसे सुरक्षित ठिकाना माने जाने वाले गलगम, पुजारी कांकेर और कर्रेगट्टा के पहाड़ियों में पहुंचे हैं.
डीआरजी, बस्तर फाइटर और एसटीएफ, कोबरा के जवान खड़ी पहाड़ी की चढ़ाई कर धीरे-धीरे नीलम सराय, धोबे की पहाड़ी के बाद अब कर्रेगट्टा की पहाड़ी पर भी कब्जा कर लिया है. जवानों ने बकायदा यहां पहुंचकर देश का तिरंगा लहराया.
नक्सलियों की 3 पहाड़ियों पर अब जवानों का कब्जा
दरअसल छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के बीच मौजूद बीजापुर के कर्रेगट्टा और गलगम के इलाकों को नक्सलियों का सबसे सेफ जोन माना जाता रहा है, इस इलाके में बड़े नक्सलियों की मौजूदगी की लगातार इनपुट पुलिस अधिकारियों को मिल रहे थे, 15 दिन पहले 5 हजार से अधिक जवानों को इस इलाके में सर्च ऑपरेशन के लिए भेजा गया. इस दौरान गलगम के पहाड़ियों में पुलिस और नक्सलियों के एक दल के साथ बीते गुरुवार को मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में जवानों ने 3 महिला माओवादियों को मार गिराया जो की पीएलजीए बटालियन नंबर- एक के सदस्य थे.
2 दिन पूर्व ही मारे गए तीनो नक्सलियों की शिनाख्त की गई और इन्हें 8-8 लाख रुपये की इनामी नक्सली बताया गया. वहीं, जवान मुठभेड़ के बाद भी आगे बढ़ते चले गए. नतीजा बीते शनिवार को सबसे पहले जवानों ने गलगम की पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया. इसके बाद रविवार को इसी पहाड़ी पर मौजूद जवानों को एक सुरंगनुमा गुफा मिली जहां नक्सलियों के मौजूदगी की सबूत भी जवानों को मिले. हालांकि, जवानों के यहां पहुंचने से पहले नक्सली भाग निकले. इस गुफा में 500 से अधिक लोग कई दिनों तक पनाह ले सकते हैं.
जवानों ने इस गुफा को भी अपने कब्जे में ले लिया जो कभी नक्सलियों का ठिकाना हुआ करती थी. इसके बाद जवान आगे बढ़ते चले गए. हालांकि इस बीच कई जवानों की तबीयत बिगड़ने लगी लेकिन यह भी पहला मौका था जब इस बीहड़ इलाकों में वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर को उतारा गया और यहां जवानों को वो सारे संसाधन हेलीकॉप्टर की मदद से उपलब्ध कराए गए जिससे कि जवान इस इलाके को घेरने में सफल हो सके.
कर्रेगट्टा की पहाड़ी पर जवानों ने लहराया तिरंगा
गलगम की पहाड़ी और गुफा को अपने कब्जा लेने के बाद जवान यहीं से करीब 25 से 30 किलोमीटर की खड़ी पहाड़ चढ़कर नीलम सराय की पहाड़ी पहुंचे. यह पहाड़ी बीजापुर और तेलंगाना की सीमा पर मौजूद सबसे ऊंची चोटी में से एक है जवानों ने इस पहाड़ को भी अपने कब्जे में ले लिया है. यहां से जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं.
इसके बाद मंगलवार की सुबह जवानों ने धोबे की पहाड़ी पर भी अपना कब्जा जमा लिया. बताया जा रहा है कि धोबे तेलंगाना और बीजापुर का बॉर्डर है. धोबे का अधिकांश इलाका तेलंगाना में आता है.
यहां भी जवान पहाड़ में मैदानी क्षेत्र देखकर हेलीकॉप्टर को उतरने में पूरी सुरक्षा दी. वहीं बुधवार की दोपहर जवानों ने नक्सलियों की पहाड़ी कहे जाने वाले कर्रेगुट्टा में भी अपना कब्जा जमा लिया और बकायदा यहां जवानों ने तिरंगा भी लहराया. अब यहां लगातार हेलीकॉप्टर से अतिरिक्त फोर्स को उतरा जा रहा है जो धीरे-धीरे इस इलाके को अपने कब्जे में ले रही है और अस्थाई कैंप खोल रही है.
माना जा रहा है कि नक्सलियों का सबसे सुरक्षित गढ़ माने जाने वाला नीलमसराय, धोबे और कर्रेगट्टा की पहाड़ी अब जवानों के कब्जे में है. फिलहाल, अभी इस इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी है या नहीं इसकी भी पुष्टि नहीं हुई है. बताया यह भी जा रहा है कि नक्सली तेलंगाना की ओर निकल गए हैं. जिस वजह से गुरुवार के बाद से नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ नहीं हुई, लेकिन अब धीरे-धीरे इसी इलाके में जवानों के द्वारा कैंप खोलकर ऑपरेशन को आगे बढ़ाया जाएगा.