Sarguja News: सरगुजा में ग्रामीणों की मुखालफत के बावजूद कोल खदान के लिए सैंकड़ों पेड़ काट दिए गए. राजस्थान में विद्युत आपूर्ति के लिए कोयले की आवश्यकता है. उदयपुर क्षेत्र में हसदेव अरण्य के जंगलों को काटकर कोल खनन से कोयले की पूर्ति की जाएगी. जंगलों को काटने की केंद्र और राज्य सरकार ने परमिशन भी दे दी है. लेकिन आदिवासी ग्रामीण जंगल नहीं कटने देना चाहते. इलाके में खदान खुलने का ग्रामीण लंबे समय से विरोध कर रहे हैं. विरोध के बीच परसा ईस्ट केते बासेन कोल ब्लॉक में वन अमला ने 150 से ज्यादा पेड़ काटकर धराशायी कर दिए.


कोल खदान शुरू करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वन अमले ने आज सुबह 7 बजे से उदयपुर ब्लॉक के ग्राम घाटबर्रा पेंड्रामार के जंगल में पेड़ों की कटाई शुरू कर दी. जंगल में मौजूद ग्रामीण पेड़ों की कटाई से वन कर्मियों को मना करने लगे. लेकिन ग्रामीणों की संख्या कम होने के कारण पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से जारी रही. करीब 8 बजे 100 से ज्यादा लाठी-डंडे से लैस ग्रामीण मौके पर पहुंचे तब जाकर वन विभाग ने पेड़ों की कटाई रोकी. ग्रामीणों के विरोध की वजह से पेड़ काटने वालों की एक ना चली. पेड़ काटने की कोशिश के दौरान सब महिलाएं पेड़ों के सामने खड़ी हो जातीं और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर देतीं.


ग्रामीणों का आरोप है कि पहुंचने से पहले भारी पुलिस बल की मौजूदगी में वन अमला 200 से ज्यादा पेड़ों को मशीनों के जरिए काट चुका था. मशीन से लगभग दो मिनट में बड़े पेड़ कट कर धराशायी हो जाते. 10 से 12 पेड़ काटने के विशेषज्ञों को वन विभाग ने पेट्रोल से चलने वाली मशीन दे रखी थी.


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जंगल में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात


एएसपी विवेक शुक्ला, सीएसपी अखिलेश कौशिक, उदयपुर थाना प्रभारी धीरेंद्र नाथ दुबे एवं विभिन्न थाना प्रभारी के नेतृत्व में सैकड़ों पुलिस वाले जंगल में चप्पे चप्पे पर तैनात थे. लोगों को जंगल में प्रवेश करने से रोकने के लिए रस्सी का घेरा बनाया गया था. बावजूद इसके कोल खदान का विरोध करने ग्रामीण जंगल में पहुंच गए.


सुबह से डटी रहे प्रशासनिक अधिकारी


अम्बिकापुर एसडीएम प्रदीप साहू, उदयपुर एसडीएम अनिकेत साहू, सीतापुर एसडीएम, उदयपुर तहसीलदार सुभाष शुक्ला, नायब तहसीलदार रवि भोजवानी सहित राजस्व विभाग के विभिन्न अधिकारी-कर्मचारी सुबह से ही घाटबर्रा के जंगल में डटे रहे. ग्रामीणों के पूर्व में विरोध को देखते हुए निगरानी के लिए दो ड्रोन कैमरे भी लगाए गए थे. ड्रोन कैमरे के जरिए आसमान से विरोध करने वालों पर नजर रखी जा रही थी.


छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना का समर्थन


सूचना मिलने पर छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल साथियों संग घाटबर्रा के जंगल पहुंचे और पेड़ कटाई का विरोध करते हुए जंगल में ही धरने पर बैठ गए. बघेल का साथ देते हुए सैकड़ों ग्रामीण भी धरने पर बैठ गए. अमित बघेल ने चेतावनी दी कि जंगलों को काटने से पहले छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष की गर्दन कटाई के बाद ही पेड़ों की कटाई होगी. जंगल में पेड़ों की कटाई की वास्तविक संख्या की जानकारी देने से प्रोडक्शन रेंजर राज बहादुर राय ने इंकार कर दिया. पहले उन्होंने थोड़ी देर में जानकारी देने की बात कही फिर बाद में मोबाइल स्विचऑफ कर दिया.


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