CRPF Celebrate Rakshabandhan in Bastar: पूरे देश में रक्षाबंधन की धूम मची हुई है, सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई में एक से बढ़कर एक खूबसूरत राखी बांधकर उनके सुख समृद्धि की दुआएं दे रही हैं, वहीं छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी पिछले चार दशकों से नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के चेहरे भी उस वक्त खिल उठे, जब बस्तर की महिलाएं रक्षाबंधन के दिन उनकी सुनी कलाई पर राखी बांधने सीआरपीएफ के कैंप पहुंचे. बाकायदा हाथों में राखी की थाली सजाए जगदलपुर शहर की  करीब 30 महिलाएं  शहर में स्थित सीआरपीएफ के 80 बटालियन कैंप में पहुंची.


यहां जवानों को राखी बांधकर भाई-बहन के इस त्यौहार को धूमधाम से मनाया, इधर अपने घर से कोसो दूर बस्तर की रक्षा के लिए तैनात  सीआरपीएफ के जवानों को जब महिलाएं राखी बांधने के लिए पहुंची तो उनके चेहरे में खुशी की लहर दौड़ उठी. सीआरपीएफ के जवानों के साथ-साथ कमांडेंट ने भी बस्तर की महिलाओं से राखी बंधवाई और बस्तर की रक्षा के साथ-साथ यहां की बहनों की भी रक्षा का वचन दिया.


राखी बंधवाकर भावुक हुए जवान
सीआरपीएफ जवानों को राखी बांधने पहुंची महिलाओं ने कहा कि देश की रक्षा करने वाले इन जवानों की कलाइयां रक्षाबंधन के दिन सुनी ना रहे और उन्हें यह एहसास ना हो कि वह यहां अकेले हैं. इसलिए वह उन्हें राखी बांधने के लिए पहुंचे हैं. इधर राखी बांधने कैंप पहुंची महिलाओं को देखकर जवानों के भी चेहरे के खिल उठे, जवानों ने कहा कि अपने कर्तव्य और छुट्टी नहीं मिलने की वजह से वह कई सालों से इस रक्षाबंधन के त्यौहार को नहीं मना पा रहे हैं, लेकिन इन महिलाओं ने उनकी बहन बनकर उनके सुनी कलाइयों में राखी बांधी है.


सीआरपीएफ के जवानों ने कहा कि हमें इस बात पर फक्र है कि हमारा परिवार नजदीक न होते हुए भी यहां हमें राखी बांधने हमारी बहनें आई है और उन्हें हमारा ख्याल है. हालांकि परिवार से कई ज्यादा इस देश की रक्षा का दायित्व महत्वपूर्ण है, लेकिन रक्षाबंधन के दिन बहनों से राखी बंधवाने के बाद ऐसा महसूस हुआ कि पूरा देश ही हमारा परिवार है.


'बस्तर में नक्सलवाद को जल्द से जल्द खत्म करेंगे'
बस्तर की बहनों से राखी बंधवाने के बाद सीआरपीएफ जवानों ने संकल्प लिया कि वह बस्तर में नक्सलवाद को जल्द से जल्द खत्म करेंगे. साथ ही अपनी बहनों के साथ देश की रक्षा के लिए तत्पर खड़े रहेंगे. इस मौके पर सीआरपीएफ के कमांडेंट ने कहा कि बस्तर की यह बहने हमें यहां राखी बांधने आई है. इससे हमें इस बात का एहसास हुआ कि हम यहां अकेले नहीं हैं, भले ही हम अपने परिवार से दूर हैं, लेकिन यहां भी हमारी फिक्र करने वाली बहने और परिवार मौजूद है.


ये भी पढ़ें: Chhattisgarh Election 2023: मलकीत सिंह गैदु को कांग्रेस ने दी बड़ी जिम्मेदारी, प्रभारी महामंत्री संगठन के पद पर नियुक्ति