Ambikapur News: पार्ट टाइम ऑनलाइन जॉब दिलाने का झांसा देकर अम्बिकापुर शहर के एक युवक से लगभग तीन लाख रुपये की ठगी किए जाने के मामले में सरगुजा पुलिस ने अंतरराज्यीय ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए राजस्थान के तीन आरोपियों के कब्जे से 65 हजार रूपए नगद और घटना में प्रयुक्त चार मोबाइल बरामद करने में सफलता पायी है. ठगी के इस मामले में आरोपियों के तार संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबूधाबी से भी जुड़े हुए हैं. विवेचक पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों के द्वारा टेलीग्राम में लिंक भेज नौकरी का झांसा देते हुए ठगी की जाती थी. सायबर सेल की जांच में टेलीग्राम का आईपी अबूधाबी में मिला है. पुलिस के द्वारा आरोपियों को धारा 41 (ए) सीआरपीसी के तहत नोटिस भी जारी की गई है. 


एडिशनल एसपी पुपलेश कुमार ने बताया कि सुभाषनगर निवासी रविरंजन प्रकाश सिन्हा के द्वारा गांधीनगर थाना में चार नवंबर को शिकायत दर्ज कराई गई थी कि घटना दिवस 25 अक्टूबर अज्ञात व्यक्ति के द्वारा व्हाट्सअप कॉल कर पार्ट टाइम ऑनलाइन जॉब दिलाने का झांसा देकर अलग-अलग किस्तों में कुल 2 लाख 98 हजार 900 रुपए की ठगी कर ली गई हैं. शिकायत पर पुलिस ने धारा 420, 66 (डी) आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया था. सीएसपी स्मृतिक राजनाला, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस अखिलेश कौशिक के नेतृत्व में संयुक्त पुलिस टीम का गठन कर आरोपियों की पड़ताल शुरू की गई थी. 


साइबर सेल की मदद से आरोपियों का लोकेशन प्राप्त करने के बाद पुलिस ने राजस्थान में दबिश देकर आरोपी मुकेश कुमार पिता चन्दगीराम (33 वर्ष) निवासी झेरली थाना पिलानी राजस्थान, संदीप कुमार पिता परमानंद (30 वर्ष) निवासी सुलखानिया बड़ा थाना हमीरवारा, बलवान सिंह पिता जगदीश प्रसाद (44 वर्ष) निवासी हरपालू कुबड़ी थाना हमीरवारा को नोटिस जारी किया गया. पूछताछ में आरोपियों ने कमीशन की लालच में ठगी करना स्वीकार किया. मामले में आरोपी के विरुद्ध धारा 41 (ए) सीआरपीसी के निहित प्रावधानों के अनुसार भी कार्रवाई की जा रही है.


इसलिए आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई पुलिस
मामले की विवेचना कर रहे एसडीओपी अखिलेश कौशिक ने बताया कि सात साल या इससे कम सजा का प्रावधान वाले अपराधों में आरोपियों को नए नियम के तहत पहले धारा 41 (ए) सीआरपीसी का नोटिस जारी करना होता है. आरोपियों द्वारा विवेचना में मदद नहीं करने और संबंधित थाना में नहीं पहुंचने पर न्यायालय के द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी करने के बाद ही गिरफ्तार किए जाने का प्रावधान है, जिसके चलते आरोपियों से ठगी का रकम और वारदात में प्रयुक्त मोबाइल बरामद करने के बाद नोटिस जारी किया गया है.


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