Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के नाम पर कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) में जोरदार बयानबाजी शुरू हो गई है. राज्य सरकार दावा कर रही है कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी अपने पैसे से कर रही है. कांग्रेस केंद्र सरकार(Central government) पर आरोप लगा रही है कि केंद्र से कोई अनुदान, सहायता और कर्ज नहीं मिलता है. कांग्रेस सरकार के इस बयान पर बीजेपी ने सवाल उठाया है.


'धान खरीदी के लिए केंद्र सरकार से नहीं मिलता अनुदान'


दरअसल सोमवार को वन और परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर( Mohammad Akbar)ने रायपुर में मीडिया से कहा कि हमारी सरकार बैंक(Bank) से कर्ज लेकर किसानों से धान खरीदी करती है. केन्द्र सरकार की तरफ से धान खरीदी के लिए कोई अनुदान, सहायता या कर्ज नहीं दिया जाता है. मंत्री ने बताया कि धान खरीदी का एक सिस्टम है, राज्य सरकार किसानों से धान खरीदी करती है फिर कस्टम मिलिंग के बाद सेन्ट्रल पूल में चावल(Rice) जमा किया जाता है. उसके बाद केन्द्र सरकार की तरफ से जमा चावल के एवज में निर्धारित दर पर भुगतान किया जाता है. अकबर ने ये भी बताया कि धान खरीदी के लिए हर साल राज्य सरकार को 20 से 25 हजार करोड़ रूपए का कर्ज लेना पड़ता है.


एक साल में धान खरीदी के लिए 19 हजार करोड़ का कर्ज


मंत्री मोहम्मद अकबर (Mohammad Akbar) ने आगे बताया कि साल 2022-23 में राज्य सरकार ने कुल 19 हजार 209 करोड रुपये का कर्ज धान खरीदी के लिए लिया था, इसमें से एन.सी.डी.सी. से 8500 करोड़, नाबार्ड से 4000 करोड़, इंडियन बैंक से 1599 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक से 1110 करोड़, बैंक आफ इंडिया से 2000 करोड़ और बैंक ऑफ बड़ौदा से 2000 करोड़ रूपये का कर्ज लिया गया है.


बीजेपी का दावा केंद्र से 51 हजार करोड़ रुपए मिले


इसपर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव (Arun Sao) ने सवाल उठाया है. अरुण साव ने कहा कि राज्य सरकार दोहरी बात करती है जनता के बीच कुछ, प्रेस वार्ता में कुछ और विधानसभा में कुछ और विधानसभा में राज्य सरकार यह स्वीकार कर चुकी है कि वह केंद्र की एक एजेंसी के रूप में ही धान खरीदी करती है, यह भी स्वीकार कर चुकी है कि केंद्र ने पिछले दिनों 51 हजार करोड़ रुपए की राशि दी है यह आंकड़ा अब और भी ज्यादा बढ़ चुका है मोहम्मद अकबर एक और प्रेस वार्ता करें और केंद्र से कितनी राशि मिली है उसके आंकड़े सार्वजनिक करें.


चुनावी साल में धान खरीदी पर सियासत


गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी एक बड़ा चुनावी मुद्दा है. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को धान खरीदी के नाम पर किसानों का बड़ा सपोर्ट मिला था. इसी के बदौलत छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने सरकार बनाई है. अब फिर चुनाव नजदीक है तो धान खरीदी पर जुबानी जंग शुरू हो गई है.इसके अलावा कांग्रेस पार्टी अगले साल से प्रति एकड़ 15 की जगह 20 क्विंटल धान खरीदने का वादा किया है.