बस्तर (Bastar) में कांगेर वैली नेशनल पार्क  (Kanger Valley National Park) आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छी खबर है. पर्यटक हिरण (Deer) और नीलगाय (Nilgai) का आनंद उठा सकेंगे. प्रजनन केंद्र में एक मादा नीलगाय ने दो बछड़ों को जन्म दिया है. नए मेहमानों के आने से पार्क में नीलगाय की संख्या 6 से बढ़कर 8 हो गई है. बस्तर में जंगलों से विलुप्त होते नीलगाय के संरक्षण और संवर्धन की कवायद की गई थी. साल 2019 में मादा नीलगाय को प्रजनन के लिए पार्क लाया गया था. पार्क प्रबंधन की मेहनत रंग लाई. हाल ही में दो बछड़ो के जन्म देने से अब कांगेर वैली नेशनल पार्क में खुशी का माहौल है. पर्यटकों को भी नीलगाय का दीदार हो सकेगा. 


कांगेर वैली नेशनल पार्क में आए दो नन्हें मेहमान


छत्तीसगढ़ में नीलगाय विलुप्त प्रजाति का एक पशु है. वन्य प्रेमियों के लिए बेहद कम संख्या चिंता का कारण है. खासकर कांगेर वैली के जंगलों में नीलगाय दिखाई देते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से संख्या भी तेजी से घटती चली गई. वन विभाग के लिए नीलगायों की संख्या में कमी चिंता का सबब बना रहा. संरक्षण और संवर्धन के लिए पार्क में प्रजनन केंद्र बनाकर 6 नीलगायों को रखा गया. इस दौरान एक मादा नीलगाय गर्भवती हुई और हाल ही में दो मेहमानों के आने से पार्क गुलजार हो गया.


नीलगाय के लिए बस्तर का वातावरण है अनुकूल


कांगेर वैली नेशनल पार्क के संचालक गणवीर धम्मशील ने बताया कि अब पर्यटकों को हिरणों का झुंड और नीलगाय भी देखने को मिलेगा. दो वर्षों से प्रजनन केंद्र में रखकर देखभाल की जा रही थी. वंश वृद्धि होने पर उन्होंने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि नीलगाय के लिए बस्तर का वातावरण अनुकूल है. यही वजह है कि अविभाजित मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा नीलगाय बस्तर के जंगलों पाए जाते थे.


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वंश वृद्धि होने के बाद 6 से बढ़कर 8 हुई तादात


लेकिन पिछले कुछ वर्षों से नीलगाय विलुप्त प्रजाति की श्रेणी में आ गयी और संख्या घटती चली गयी. अब प्रजनन केंद्र में सही देखभाल होने नीलगाय की वंश वृद्धि हो रही है. नीलगाय की उम्र 7 साल होती है और 3 लीटर दूध देती है. बस्तर में पाए जाने वाले महुआ के फूल और बोर बड़े चाव से नीलगाय खाती है. पार्क में दो नन्हें मेहमानों को देखकर पर्यटकों को भी खुशी होगी.