Naxalites Surrendered In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों पर लगातार पुलिस के बढ़ते दबाव से माओवादी संगठन में बिखराव नजर आ रहा है ,और बड़ी संख्या में स्थानीय नक्सली अब सरकार की मुख्य धारा से जुड़कर आत्मसमर्पण कर रहे हैं. दंतेवाड़ा जिले में सोमवार को भी पुलिस के अपील पर और बड़े नक्सली लीडर के प्रताड़ना से तंग आकर 23 नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है .


इन सरेंडर नक्सलियों में 6 महिला  और 17 पुरुष नक्सली शामिल है. यह सभी नक्सली माओवादी संगठन में बीजापुर जिले के भैरमगढ़ एरिया कमेटी में सक्रिय रहे है और अलग-अलग नक्सली घटनाओं में शामिल रहने के साथ सड़क मार्ग को अवरुद्ध करना, सड़क निर्माण में लगे वाहनों में आगजनी की वारदातों को अंजाम देना और इसके अलावा नक्सली बैनर पोस्टर लगाने की घटनाओं में शामिल रहे हैं, फिलहाल दंतेवाड़ा पुलिस इन्हें 25-  25 हजार  रुपए प्रोत्साहन राशि देने के साथ जल्द ही पुनर्वास नीति के तहत अन्य योजना का लाभ भी देने की बात  कही है.


बीते 3 सालों में 500 नक्सलियों ने किया सरेंडर
दरअसल दंतेवाड़ा पुलिस के द्वारा पिछले कुछ सालों से लोन  वर्रा टू ( घर वापस आइये) अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत अंदरूनी इलाकों में पुलिस के जवान बैनर पोस्टर के माध्यम से स्थानीय नक्सलियों को संगठन छोड़ सरेंडर करने की अपील कर रहे हैं. इस अभियान के तहत दंतेवाड़ा पुलिस को सफलता भी मिल रही है, पिछले 3 सालों में ही 500 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है ,और इनमें से कई ईनामी नक्सली भी शामिल है.


लंबे समय से माओवादी संगठन में सक्रिय रहे हैं
कुछ नक्सलियों ने अत्याधुनिक हथियार के साथ दंतेवाड़ा पुलिस के समक्ष सरेंडर किया है, वहीं पिछले कुछ महीनो से जवानों के बढ़ते दबाव के चलते लगातार माओवादी संगठन में बिखराव देखने को मिल रहा है ,और बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं, सोमवार को भी 23 नक्सलियों ने सरेंडर किया है, यह सभी लंबे समय से माओवादी संगठन में सक्रिय रहे हैं, सभी ने एकमत होकर सरकार के मुख्यधारा से जोड़ने का फैसला लिया और उसके बाद दंतेवाड़ा पुलिस से संपर्क कर आत्मसमर्पण कर दिया है.


25 -25 हजार रुपए दी गई प्रोत्साहन राशि
दंतेवाड़ा  एएसपी एस. राजनाला ने बताया कि माओवादी संगठन के बड़े नक्सली लीडरों के द्वारा अत्याचार और स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सलवाद की और भटके युवा समाज को मुख्यधारा से जोड़ने का संकल्प ले रहे हैं, और पुलिस के समक्ष सरेंडर कर रहे हैं ,एडिशनल एसपी ने बताया कि कोशिश की जा रही है कि ज्यादा से ज्यादा  प्रचार प्रसार के माध्यम से और लोन वर्रा टू अभियान से  प्रभावित होकर नक्सलियों का  आत्मसमर्पण कराया जा सके.