Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में एक किसान की मौत (Farmer Suicide) पर सियासत शुरू हो गई है. दरअसल किसान ने अपने ही खेत में आत्महत्या कर ली है. इसके अलावा किसान ने एक सुसाइड नोट लिखकर फसल खराब होने और कर्ज में होने के कारण जान देने की बात लिखी है. इस मामले में पुलिस जांच कर रही है. लेकिन इधर इसपर राजनीति गरमा गई है. बीजेपी ने एक जांच दल गठित कर दी है और बीजेपी ने कांग्रेस सरकार से किसान परिवार को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग कर दी है. वहीं कांग्रेस बीजेपी के आरोप को लाश पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है.


किसान ने खुद के खेत में की आत्महत्या


दरअसल, गुरुवार (27 जुलाई) की सुबह किसान खल्लारी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम छुइहा के कन्हैया सिन्हा ने आत्महत्या कर ली. ग्रामीणों ने बताया कि रोज की तरह किसान अपने खेत काम करने गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा. लेकिन कुछ देर में कन्हैया के बच्चों और परिजनों को ये दुखद सूचना आई तो सब हड़बड़ी में खेत पहुंचे. वहां देखा की एक पेड़ में उनकी बॉडी झूल रही थी. इसके बाद पुलिस पहुंची तो बॉडी को नीचे उतारा गया. शव के साथ पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला. इसमें किसान ने कर्ज की परेशानी और लगातार फसल नुकसान होने का जिक्र किया था.


किसान की मौत पर पुलिस की जांच जारी


इस मामले में पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना में जुट गई है.महासमुंद के एएसपी आकाश राव गिरिपुंजे ने मीडिया से कहा है कि किसान के लिखे सुसाइड नोट की जांच की जा रही है.दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है. इसका मतलब ये है की फिलहाल पुलिस किसान की मौत को दुर्घटना हो मान रही है. वहीं इस मौत को बीजेपी सुसाइड ही मान रही है और 5 सदस्यीय जांच दल बनाया गया है. इस टीम का संयोजक पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर को बनाया गया है. ये टीम आज (29 July) पीड़ित परिवार से मुलाकात करने जाएगी.


'कांग्रेस के कार्यालय में 657 किसानों की मौत'


किसान को मौत पर सियासत गरमा गई है. बीजेपी ने दावा किया है कि प्रदेश में कांग्रेस के शासनकाल में अब तक 657 किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा है, यानी प्रदेश में कांग्रेस शासनकाल में हर तीसरे दिन एक किसान ने आत्महत्या की है. बीजेपी के प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने वादे के बावजूद उसका कर्ज माफ नहीं किया. मृतक किसान का ऐक्सिस बैंक में ऋण खाता है. कन्हैया सिन्हा एक तो कर्ज न चुका पाने के कारण परेशान था, वहीं लो-वोल्टेज के चलते उसकी चार एकड़ की रबी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. 


'रमन राज में 12 हजार किसानों ने की आत्महत्या'


इसके जवाब में कांग्रेस ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 5 एकड़ का किसान खेती के घाटे से परेशान हो कर आत्महत्या करेगा यह बात कोई नहीं मानेगा.किसान की आत्महत्या के वास्तविक कारणों को जाने बिना भाजपाई घड़ियाली आंसू बहा रही है. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी छत्तीसगढ़ में राजनैतिक गिद्ध बन चुकी है. वह इंतजार करते रहते है कि कब किसी की मौत हो और वह उस पर बयानबाजी कर राजनैतिक रोटी सेक सके. उन्होंने रमन राज के दौरान किसानों की आत्महत्या का आंकड़ा पेश करते हुए कहा कि रमन राज के 15 साल में 12 हजार 937 किसानों ने आत्महत्या किया था.तब मृतकों के लिए मुआवजे की मांग का विरोध करते थे.


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