Chhattisgarh Lok Sabha Chunav 2024: : छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल बस्तर के सबसे महत्वपूर्ण परिवारों में से एक जोगी परिवार को उनकी असली जातिगत पहचान दिलाने की उम्मीद एक बार फिर जाग गई है. करीब 110 साल से जारी संघर्ष में जोगी परिवार को इसलिए उम्मीद जागी है क्योंकि पहली बार इस परिवार का व्यक्ति सीधे प्रधानमंत्री से मुलाकात करेगा. दरअसल 8 अप्रैल को जिस छोटे आमाबाल गांव में पीएम मोदी की चुनावी सभा होनी है, वहीं इस परिवार के डमरू नाग और रघुनाथ नाग को सभा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के लिए बुलाया गया है.
जातिगत पहचान की समस्या के बारे में PM को दी जाएगी जानकारीडमरू नाग और रघुनाथ नाग ने बताया कि मुलाकात के दौरान पीएम मोदी से उनकी जातिगत पहचान की समस्या के बारे में बताया जाएगा, क्योंकि वे हल्बा जाति से आते हैं लेकिन ब्रिटिशकाल शासनकाल में अंग्रेज अधिकारी के लापरवाही पूर्वक सर्वे करने के दौरान उन्हें हल्बा जाति में शामिल करने के बजाए राजपरिवार द्वारा दिए गए पद "जोगी" को ही जाति बता दिया गया जिसके बाद से ही उनकी असल जातिगत पहचान की लड़ाई निरंतर जारी है.
जोगी जाति नहीं बल्कि राजपरिवार द्वारा दिया गया पददरअसल, बस्तर में जोगी परिवार का विशेष दर्जा हैं. उनके बिना ऐतिहासिक विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा का पर्व पूरा नहीं हो सकता, लेकिन यह जोगी परिवार कोई समाज नहीं है. बल्कि यह सिर्फ उस समय राज परिवार द्वारा दिया गया एक पद था, लेकिन ब्रिटिश हुकूमत के दौरान अंग्रेज अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इनकी जातिगत पहचान ही बदल गई और अब पद में मिला नाम जोगी ही इनकी जाति बनकर रह गई, यह नई पहचान उन्हें सन 1913 के करीब में मिली, जानकारी के अनुसार बस्तर में इस परिवार के करीब 800 लोग हैं.
मंदिर में कलश की स्थापना को बस्तर दशहरा में जोगी बिठाई कहा जाता है. परंपरा के अनुसार, आमाबाल गांव निवासी जोगी परिवार का एक युवक हर साल जगदलपुर शहर के सिरहासार भवन में स्थित एक निश्चित स्थान पर योग की मुद्रा में नवरात्रि के 9 दिनों तक निर्जल उपवास में बैठता है. इस तपस्या का मुख्य उद्देश्य दशहरा पर्व को शांतिपूर्ण और निर्बाध रूप से बनाना है. सैकड़ों सालों से यह परंपरा चलती आ रही है और जोगी परिवार के ही लोग इस परंपरा का निर्वहन करते आ रहे.
जोगी परिवार को नहीं मिलता आरक्षण का लाभ जोगी परिवार के सदस्य रघुनाथ नाग का कहना है कि जोगी लिखने की वजह से उन्हें आदिवासी जनजाति वर्ग का आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है, और ना ही उन्हें अनुसूचित जनजाति में शामिल किया गया है. इस वजह से आदिवासी होकर भी वे आरक्षण का लाभ नहीं ले पा रहे हैं, जिससे उन्हें कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
PM मोदी से दोनो युवा करेंगे मुलाकातआमाबाल गांव में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा है. जिसके बाद वे जोगी परिवार के 2 सदस्यों डमरू नाग और रघुनाथ नाग से मुलाकात करेंगे. इस दौरान दोनों ही युवा अपनी जातिगत समस्या से प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे. उन्हें उम्मीद है कि जरूर उनकी समस्या का निदान देश के प्रधानमंत्री पीएम मोदी करेंगे.
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