Bastar News Today: केंद्र सरकार की लखपति दीदी योजना का लाभ बस्तर के आदिवासी महिलाओं को भी मिल रहा है. अलग-अलग समूह को शासन की योजना के तहत रोजगार उपलब्ध होने के साथ उन्हें लोन के माध्यम से अपना व्यवसाय बढ़ाने के साथ आर्थिक लाभ भी हो रहा है., खासकर बस्तर में वनोपज, पशुपालन और छोटे-छोटे गुमटियों का संचालन कर और काष्ठ कला और बेलमेटल कला के माध्यम से महिलाएं रोजगार पाकर समृद्ध हो रही हैं.


लखपति दीदी योजना इन महिलाओं के लिए काफी लाभदायक साबित हो रहा है. बस्तर जिले के बकावंड ब्लॉक में भी ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने इस योजना के तहत समूह और बैंक से लोन लिए लिया हैं और इन पैसों से अपना व्यवसाय बढ़ाने के साथ ही छोटे-छोटे बिजनेस भी कर रही हैं.


महिलाओं का कहना है कि समूह से लोन लेने के बाद वे सालाना एक लाख से डेढ़ लाख रुपये की कमाई कर रही हैं. ऐसी महिलाओं को अब हर कोई लखपति दीदी के नाम से जानता है.


ग्रामीण महिलाओं को इस योजना से मिल रहा फायदा
दरअसल, बस्तर में भी लखपति दीदी योजना के तहत अलग-अलग विकासखंड में स्व सहायता समूह बनाया गया है और इन समूहों को इस योजना के तहत एक मुश्त राशि दी जा रही है.


इसके लिए बैंक से भी लोन फाइनेंस हो रहा है. इस समूह के जरिए जो भी महिलाएं लोन ले रही हैं, उससे न सिर्फ अपनी व्यवसाय बढ़ा रही हैं बल्कि कई महिलाओ ने छोटे-छोटे बिजनेस भी शुरू किए हैं और इससे उन्हें आर्थिक लाभ भी हो रहा है. इन महिलाओं का कहना है कि पहले वे बेरोजगार थी और केवल पति के पैसे से घर चलाना पड़ता था. हालांकि अब समूह से इस तरह का लोन मिल रहा है, तो वह अलग-अलग व्यवसाय कर रही हैं.


बकावंड ब्लॉक के ही रहने वाली वैजन्ती नाग ने बताया कि उन्होंने भी लखपति दीदी योजना के तहत समूह से 80 हजार रुपये का लोन लिया था. इस लोन से अपने किराने की दुकान को बड़ा करने के साथ, लोन से मिली राशि से सामान भी बढ़ाया और अब उनकी दुकान अच्छी चल रही है. जिससे वह हर महीने किश्त की राशि भरने के साथ कुछ पैसे अपने बैंक में भी जमा कर रही हैं. इससे उनका घर भी चल रहा है. उन्होंने बताया कि सालाना उन्हें करीब 1 लाख 20 हजार से डेढ़ लाख रुपये की कमाई हो रही है.


पहले के मुकाबले उनकी आय में 40 से 50 हजार रुपये की वृद्धि हुई है. वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि लोन लेने के बाद लखपति दीदी वैजती नाग ने न सिर्फ अपने दुकान को बढ़ाया बल्कि अब उनकी दुकान एक पहचान बन गई है. अब उन्हें सब कोई यहां लखपति दीदी के नाम से जानता है. उन्होंने कहा कि इस तरह की योजना का लाभ सभी महिलाओं को लेना चाहिए जिससे वह आत्मनिर्भर बन सके.


महिलाएं इन पैसों से बढ़ा रही हैं अपना व्यवसाय
बकावंड ब्लॉक में वैजती नाग की तरह ही पूर्णिमा यादव ने भी लखपति दीदी योजना के तहत समूह से लगभग 1 लाख रुपये लोन लिया था. उनकी एक छोटी सी स्टेशनरी की दुकान थी और काफी लंबे समय से इसमें सामान बढ़ाने के साथ दुकान की मरम्मत भी कराना चाहती थी, लेकिन पैसे के अभाव में वह ऐसा नहीं कर सकी. उन्हें पता चला कि समूह से उन्हें लोन मिल सकता है और इस राशि से वह अपना दुकान बढ़ाने के साथ स्टेशनरी सामानों को भी खरीदी कर सकती हैं. जिसके बाद उन्होंने लोन लिया.


महिलाओं की एक लाख रुपये से अधिक हो रही आय
पूर्णिमा यादव ने बताया कि उन्होंने साल भर पहले एक लाख रुपये का लोन लिया था और अब केवल दो से तीन किश्त ही बाकी हैं. उन पैसों से अब स्टेशनरी में उन्होंने सामान भी बढ़ाया साथ ही साल भर में उन्हें अच्छी खासी आय भी हुई है. अब वे लखपति दीदी के लिस्ट में शामिल हो चुकी हैं. एक साल में उन्होंने करीब डेढ़ लाख रुपये की कमाई की है. वही डोडरेपाल गांव की सरस्वती बघेल ने भी इस लखपति योजना के तहत समूह के माध्यम से इसका लाभ उठाया. वह भी एक छोटी सी फैंसी स्टोर्स चलाती हैं.


व्यवस्या के लिए उन्होंने 1 लाख रुपये का लोन लिया था और इस लोन से अपनी दुकान को बढ़ाया. अब उनकी फैंसी स्टोर की दुकान अच्छी चल रही है और सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा कमाई कर रही हैं. उन्होंने बताया कि व्यवसया बढ़ाने के लिए जो 1 लाख रुपये लोन लिया था, उसमें से कई किश्त अदा कर चुकी हैं और जल्द ही एक बार फिर से समूह से लोन लेकर फैंसी स्टोर्स को और बड़े स्तर पर खोलना चाहती हैं.


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