छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के जंगलों की सरहद पर एक बार फिर गोलियों की आवाज से पूरा जंगल गूंज उठा है. दोनों राज्यों की बॉर्डर के खैरागढ़-पैलिमेटा और बालाघाट सीमा पर चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान शनिवार (6 दिसंबर) सुबह पुलिस और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. 

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एक्सचेंज ऑफ फायर के बाद नक्सली अपने डेरे से भागे और इसके कुछ घंटे बाद बड़े नक्सली लीडर सुरेंद्र उर्फ कबीर के साथ 10 नक्सलियों ने बालाघाट पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. यह सरेंडर इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि घटना उसी इलाके के पास हुई है, जहां नवंबर में हॉकफोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हुए थे.

फायर देख तक जंगल की ओर भागे नक्सल

खैरागढ़ के पैलिमेटा जंगलों से सटी बालाघाट सीमा में सुरक्षा बलों ने लगातार ऑपरेशन तेज किया हुआ था. शनिवार सुबह सर्चिंग के दौरान पुलिस टीम की आमने–सामने की भिड़ंत एमएमएससी जोन के नक्सलियों से हो गई, जिसके बाद गोलियों की आवाज से पूरा जंगल गूंज उठा. एक्सचेंज ऑफ फायर के दौरान दबाव बढ़ता देख नक्सली घने जंगलों की ओर भागे और अपना कैंप खाली छोड़ दिया. मौके से पुलिस ने बड़ी मात्रा में रोजमर्रा का सामान, दवाइयां, माओवादी साहित्य और अन्य महत्वपूर्ण सामग्री बरामद की है, जो नक्सलियों की गतिविधियों के बारे में अहम सुराग दे सकती है.

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सरेंडर करने वालों में इनका नाम शामिल

मुठभेड़ समाप्त होने के बाद क्षेत्र में दबाव बढ़ने और पुलिस की रणनीतिक कार्रवाई के चलते कुल 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. इनमें सबसे बड़ा नाम सुरेंद्र उर्फ कबीर है, जो एसजेडसीएम और एमएमसी का सचिव बताया जा रहा है. वहीं उसके साथ सरेंडर करने वालों में राकेश होडी उर्फ मनीष (SZCM, KB डिवीजन), समर (ACM, भोरमदेव AC), लालसू (कबीर का गार्ड), शीला (ACM, भोरमदेव AC), नवीन (ACM), ज़रीना (ACM), शिल्पा, सुनीता और कबीर का एक अन्य गनमैन शामिल है. ये सभी सालों से सक्रिय माओवादी कैडर माने जाते थे और कई वारदातों में इनकी संदिग्ध भूमिका की जांच चल रही थी.

सुरक्षा बलों ने क्या कहा?

सुरक्षा बलों का कहना है कि यह सरेंडर नक्सल मोर्चे पर एक बड़ी सफलता है, क्योंकि जिन इलाकों में यह ऑपरेशन चल रहा था, वह लंबे समय से माओवादी गतिविधियों का सुरक्षित ठिकाना माने जाते थे. विशेष रूप से यह वही क्षेत्र है जहां 19 नवंबर को हॉकफोर्स के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हुए थे, जिसके बाद से फोर्स ने पूरे इलाके में सर्चिंग और दबाव बढ़ा दिया था. अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में और बड़े अभियान चलाए जाएंगे ताकि नक्सलियों की बची हुई गतिविधियों को पूरी तरह समाप्त किया जा सके और इलाके में स्थायी शांति स्थापित हो सके.