Bastar News: बस्तर जिले में किसानों को दोहरी मार का सामना है. एक तरफ बेमौसम बारिश से हुई परेशानी तो दूसरी तरफ उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों का फर्जीवाड़ा है. आरोप है कि 2 दर्जन से भी ज्यादा किसानों के साथ अधिकारियों ने फसल बीमा के नाम पर धोखा किया. मामला बास्तानार विकासखण्ड के किलेपाल पंचायत का है. दो साल पहले किसानों ने अपनी फसल खराब होने के डर से फसल बीमा करवाया था और बदले में बीमा की राशि भी जमा करवाई थी, लेकिन आज 2 वर्ष बाद भी उनको बीमा की रकम नहीं मिली. किसानों का कहना है कि टमाटर, बैंगन जैसी कई फसल बर्बाद होने के बाद भी राशि का इंतजार है. ऐसे में किसान विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. फसल बीमा राशि देने की मांग पूरी नहीं हो पाई है.


 फसल बीमा के नाम पर किसानों को धोखा


किलेपाल ग्राम के किसान अर्जुन और गोविंद ने बताया कि 2 साल पहले उनके पास उद्यानिकी विभाग के कुछ अधिकारी पहुंचे हुए थे. उन्होंने फसल की बीमा कराने के लिए उनसे रकम ली थ. गोविंद से 30 हजार और अर्जुन से 10 हजार की राशि लेकर खेतों में लगी फसलों का बीमा करने की बात कही और फसल नुकसान होने पर त्वरित बीमा की राशि उपलब्ध होने का झांसा दिया. इधर अधिकारियों के चंगुल में आकर दोनों ने ही फसल का बीमा कराया लेकिन उसके बाद से न ही अधिकारी दिखे और ना ही उनके खाते में बीमा का पैसा आया.


शिकायत पर उद्यानिकी विभाग को आदेश जारी


एक तरफ जहां बेमौसम बारिश से उनके खेत में लगाए गए टमाटर और अन्य साग सब्जियां खराब हो गई हैं तो वहीं उन्हें बीमा की राशि भी एक रुपए अब तक नहीं मिली. परेशान किसानों ने जगदलपुर पहुंच बस्तर कलेक्टर से मुलाकात की और जल्द ही बीमा राशि दिलाने की मांग की. इस मामले में कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि किसानों की शिकायत के बाद उद्यानिकी विभाग को आदेश जारी कर दिया गया है और जल्द ही बीमा राशि देने को कहा गया. कलेक्टर ने किसानों की राशि के गबन को जांच का विषय माना है. उन्होंने कहा कि जांच के बाद दोषियों पर कार्यवाही भी की जाएगी. 


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