छत्तीसगढ़ के बस्तर में कई इलाके ऐसे थे, जहां पुलिस और प्रशासन की पहुंच नहीं थी. इन इलाकों में लाल आतंक की सरकार का राज था. हालांकि, फोर्स ने बीते कुछ महीनों में नक्सलियों के सबसे मजबूत गढ़ में घुस कर अपने कैंप स्थापित किए हैं. ऐसे ही 29 गांवों में आजादी के बाद पहली बार आजादी का पर्व मनाया जाएगा.

इससे पहले नक्सली इन बीहड़ों में आजादी के पर्व पर काले झंडे फहराते थे, लेकिन जवानों के शौर्य के चलते सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिले के इन 29 गांवों के पहली बार तिरंगा लहराएगा. फोर्स के इन गांवों में पहुंचने के बाद यहां की तस्वीर और तकदीर बदल रही है.

कर्रेगुट्टा मे तैयारी जोरों परबस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से चलाए गए एंटी नक्सल ऑपरेशन में बीजापुर जिले के 11 गांवों में पहली बार फोर्स पहुंची है. इनमें पुजारी कांकेर जैसे गांव भी हैं, जिससे लगे कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर बीते दिनों जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़े और लंबे एंटी नक्सल ऑपरेशन को अंजाम दिया. 

इसके अलावा, जिले के कोंडापल्ली, जिड़पल्ली जैसे गांव नक्सलियों के बटालियन नंबर-1 के कोर इलाके थे. इन इलाकों में भी फोर्स की पहुंच के बाद यहां कैम्प स्थापित किया गया. इन इलाकों के ग्रामीणों का भरोसा जीता गया.

नक्सगढ़ में जवानो की बढ़ी पहुंच बीजापुर के साथ नारायणपुर जिले में भी 11 गांवों में पहली बार आजादी का पर्व मनाया जाएगा. जवानों ने अब तक अबूझ रहे अबूझमाड़ में भी कई नए कैंप खोले हैं. ये वही अबूझमाड़ है, जहां फोर्स ने 21 मई को सबसे बड़े नक्सली नेता सेंट्रल कमेटी मेम्बर बसवराजु का एनकाउंटर किया था.

इसके अलावा, सुकमा जिले के 7 गांवों में भी पहली बार आजादी का पर्व मनाया जाएगा. ये वो गांव है, जहां नक्सली कमांडर हिड़मा की दहशत थी, लेकिन इन गांवों में भी DRG ,सीआरपीएफ, कोबरा और एसटीएफ जवानो की पहुच के बाद इन 7 गांवों में भी पहली बार स्वंत्रता दिवस के मौके पर तिरंगा लहराएगा.

इन गांवों में पहली बार स्वंत्रता दिवस पर किया जाएगा ध्वजारोहणजिन गांवों में पहली बार स्वंत्रता दिवस मनाया जाएगा उनमे बीजापुर जिले का कोण्डापल्ली, जिड़पल्ली, जिड़पल्ली-2, वाटेवागु, कर्रेगुट्टा, पीड़िया, गूंजेपरति, पुजारी कांकेर, भीमाराम, कोरचोली, कोटपल्ली शामिल है.

इसके अलावा नारायणपुर जिले में होरादी, गारपा, कच्चापाल, कोडलियार, कुतुल, बेड़माकोटी, पदमकोट, कंदुलनार, नेलांगुर, रायनार और पांगुर शामिल है. वहीं, सुकमा जिले में तुमालपाड़, रायगुड़ेम, गोल्लागुंडा, गोमगुड़ा, मेटागुड़ा, उसकवाया और नुलकातोंग शामिल है. इन सभी गांवों और कैम्पों में पहली बार स्थानीय ग्रामीण स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे.