Chhattisgarh New: छत्तीसगढ़ के सीएम चुने जाने के बाद विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) ने राजभवन में कागजी प्रक्रिया पूरी की. इसके बाद सबसे पहले रायपुर के जय स्तंभ चौक पहुंचे. विष्णुदेव साय का जय स्तंभ चौक पहुंचना बहुत खास है. बीजेपी (BJP_ ने आखिर सीएम के एलान के लिए 10 दिसंबर की तारीख क्यों चुनी? और क्यों विधायक दल की बैठक बुलाई और एक आदिवासी नेता को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री क्यों बनाया? आइए विस्तार से समझते हैं.

Continues below advertisement


दरअसल छत्तीसगढ़ की जमीन में सबसे बड़े आदिवासी क्रांतिकारी शहीद वीर नारायण सिंह की रविवार (आज) पुण्य तिथि है. आज ही के दिन यानी 10 दिसंबर 1857 में अंग्रेजों ने रायपुर के बिच चौराहे यानी जय स्तंभ चौक पर नारायण सिंह को अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी. इसलिए आज पूरे प्रदेश में वीर नारायण सिंह के बगावत की कहानी लोग याद करते हैं. आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी वीर नारायण सिंह ने बलौदा बाजार जिले के सोनाखान इलाके के एक बड़े जमींदार थे. नारायण सिंह बिंझवार की कहानी काफी दिलचस्प है. जिस समय यह क्रांति हुई उसी समय अंग्रेजी सेना छत्तीसगढ़ में अपना कब्जा जमाना चाहती थी.  तब नारायण सिंह ने खुद की फौज बनाकर अंग्रेजो की टेंशन बढ़ा दी थी. 


कांग्रेस आदिवासियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती है- साय
विष्णुदेव साय उसी जगह पर पहुंचे जहां शहीद वीर नारायण सिंह को फांसी दी गई थी. नारायण सिंह की मूर्ति की पूजा की. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि ''आज शहीद वीर नारायण सिंह की पुण्यतिथि है इसलिए उन्हें श्रद्धांजलि देने आए हैं. बीजेपी वास्तव में आदिवासी कौम की चिंता करती है. कांग्रेस ने इन्हें सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है. बीजेपी ने आदिवासियों के कल्याण के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया है.''


छत्तीसगढ़ में बीजेपी के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री साय 
छत्तीसगढ़ ट्राइबल स्टेट है. राज्य में 32 प्रतिशत आदिवासी समाज की है. विधानसभा में भी 29 सीट एसटी के लिए आरक्षित है. राज्य के विधानसभा चुनाव में सरकार बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों को आदिवासियों का भरोसा जितना जरूरी होता है. ऐसे में  बीजेपी ने छत्तीसगढ़ का पहला आदिवासी मुख्यमंत्री घोषित किया है. इससे पहले साल 2000 में राज्य गठन के बाद कांग्रेस ने अजीत जोगी को मुख्यमंत्री बनाया था. जिनको आदिवासी माना जाता है. लेकिन इनके जाति प्रमाण पत्र को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस लिहाज से विष्णुदेव साय राज्य के पहले आधिकारिक आदिवासी मुख्यमंत्री हैं.


विश्व आदिवासी दिवस पर प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया था
 पिछले साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के दिन विष्णुदेव साय को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया था. तब कांग्रेस ने बीजेपी को आदिवासी विरोधी बताया था. अब छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह की पुण्यतिथि पर बीजेपी ने विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाकर एकतरह से कांग्रेस को जवाब दिया है. 


ये भी पढ़ें-  Bastar News: बस्तर में लुढ़का तापमान, कड़कड़ाती ठंड से लोगों का हाल बेहाल, घने कोहरे ने राहगीरों की बढ़ाई परेशानी