Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Baster Rain) संभाग में भी मूसलाधार बारिश का कहर जारी है, लगातार हो रही तेज बारिश की वजह से नदी नाले उफान पर है, जिससे  सभी 7 जिलों के  ग्रामीण अंचलों में सैकड़ों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. वहीं इस आफत की बारिश से बस्तर जिले में दो लोगो की मौत भी हो गई है. जिले के दरभा इलाके में बरसाती नाला को पार करते समय मां बेटा दोनो मुनगा बहार नाला के तेज बहाव में बह गए आसपास के ग्रामीणों ने दोनों को बाहर निकाला लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. वहीं बीजापुर जिले के धर्माराम गांव में भी पिछले सप्ताह भर से बीमार एक महिला को गांव में आये बाढ़ की वजह से अस्पताल नहीं पहुंचाने के चलते उसकी मौत हो गई.  बताया जा रहा है कि गांव में और भी कुछ लोगो का तबीयत खराब है, जिन तक स्वास्थ सुविधा नहीं पहुंच पा रही है. इसके अलावा बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा बस्तर जिले में बारिश की वजह से आई बाढ़ से कई सड़कें जलमग्न हो गई है, और लोग जान जोखिम में डालकर सड़कों को और उफनते नदी नाला को पार करने के लिए मजबूर हो रहे है.


मां- बेटा मुनगाबहार नाला के तेज बहाव में बहे
बस्तर जिले के  दरभा थाना के प्रभारी ज्ञानेंद्र चौहान ने बताया कि जिले में हो रही बारिश की वजह से दरभा इलाके में भी नदी नाले उफान पर है मुंनगा बहार नाला का भी जलस्तर बढ़ गया है. इस इलाके में रहने वाली एक महिला फूलो माड़वी अपने 6 साल के बच्चे को लेकर उफनते नाला को पार करने की कोशिश कर रही थी, इसी बीच पानी के तेज बहाव के साथ मां बेटा दोनों बह गए. थाना प्रभारी ने बताया कि ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक  हादसे के वक्त उनकी सांस भी मौजूद थी बहू और पोते को डूबते देखकर वह जोर-जोर से चीखने लगी मौके पर इलाके के कुछ ग्रामीण भी पहुंचे और डूबते हुए मां बेटे दोनों को बाहर निकाला लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. फिलहाल दोनों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इधर बस्तर जिले में इस साल भारी बारिश की वजह से दो लोगों की मौत का यह पहला मामला है.


बीजापुर में भी इलाज के अभाव में एक महिला ने तोड़ा दम
बीजापुर जिले के उसुर ब्लॉक के धर्माराम गांव में भी  सप्ताह भर से बीमार एक महिला ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. यहाँ के  ग्रामीणों ने बताया कि भारी बारिश की वजह से पूरे गांव में 4 से 5 फीट तक बारिश का पानी भर गया है. कई घर डूब गए हैं खेत खलियान सब बर्बाद हो गया है. आलम यह है कि कई ग्रामीण गांव में  मचान ( देसी टावर )का सहारा लिए हुए हैं. ताकि बाढ़ से अपने आप को बचाया जा सके. वही घर में बीमार ग्रामीणों को इलाज भी नहीं मिल पा रहा है, इसी गांव की रहने वाली गुड्डी मल्ली ने भी इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि कैसे भी उन्हें यहां से बाहर निकाला जाए और बीमार लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जाए. वही बीजापुर कलेक्टर राजेन्द्र कटारा का कहना है कि बारिश के कहर को देखते हुए एसडीआरएफ की टीम को तैनात किया गया है. साथ ही जो गांव इस बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है वहां के ग्रामीणों को राहत शिविर में लाने की लगातार कोशिश की जा रही है.  कलेक्टर ने बताया कि बारिश की वजह से अंदरूनी गांव के कई सड़कें जलमग्न हुई है ऐसे में उन्होंने इन सड़कों को पार नहीं करने की अपील की है, बावजूद इसके कुछ लोग लगातार अपने चार पहिया और दुपहिया वाहन से अपनी जान जोखिम में डाल उफनते नदी नालों और जलमग्न हुई सड़कों को पार कर रहे हैं.


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