Raigarh School News: शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर सैकड़ों तरह का जतन किया जा रहा है, लेकिन जो जरुरी है उसके प्रति अधिकारी गंभीर नहीं है. हालात यह है कि रायगढ़ जिले के करीब 161 हायर सेकेंडरी स्कूलों में लाइब्रेरियन ही नहीं है, यानी सालों से इनकी भर्ती हुई ही नहीं है. 


दूसरी ओर हर स्कूल में लाइब्रेरी होती है, लेकिन लाइब्रेरियन नहीं होने की वजह से यह काम बच्चों को ही करना पड़ता है. यानी स्वयं पुस्तक निकालते हैं और स्वंय रख देते हैं. इस तरह के हालात अभी नहीं बल्कि सालों से है. सालों से हायर सेंकेडरी स्कूलों में लाइब्रेरेरियों का संचालन हो रहा है.


लाइब्रेरी में कोर्स के अलावा अन्य सैकड़ों किताबें रखी हुई होती हैं, लेकिन उसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं है. यानी अब तक किसी भी स्कूल में लाइब्रेरियन की नियुक्ति नहीं हुई है. शिक्षा विभाग के मुताबिक, अब तक लाइब्रेरियन की भर्ती नहीं हुई है. पुसौर हायर सेकेंडरी स्कूल में एक लाइब्रेरियन पदस्थ हैं, वो भी दो माह पहले कहीं बाहर से तबादले पर आए हैं. 


शिक्षक निभाते हैं लाइब्रेरियन की जिम्मेदारी
इसके अलावा रायगढ़ जिले में संचालित 161 हायर सेकेंडरी स्कूलों में सालों से लाइब्रेरियन का पद खाली है. इस पद की भर्ती के लिए कभी विज्ञापन जारी हुआ है ऐसी कोई जानकारी शिक्षा विभाग में भी नहीं है, लेकिन उनके बारे में जानकारी देने के लिए अब तक कोई आया नहीं है. 


इससे यह स्पष्ट है कि जो समझ में आता है, बच्चे उसे उठाकर पढ़ लेते हैं और जैसे लिया था वैसे ही रख देते हैं. कोर्स की किताबों के बारे में तो बच्चे जानते हैं, लेकिन देश-दुनिया की अन्य किताबों को नहीं समझ पाते हैं. 


स्कूल के प्राचार्यों और शिक्षकों का कहना है कि सालों से पदस्थापना नहीं होने के कारण उनका काम किसी शिक्षक को करना पड़ता है. हालांकि उस विषय में पारंगत नहीं होने के कारण उनको काम करने में परेशानी भी होती है.


हायर सेकेंडरी में ही होती है लाइब्रेरी
केवल हायर सेकेंडरी स्कूलों में ही लाइब्रेरी संचालन का प्रावधान है. यहां चूंकि 11-12वीं के बच्चे पढ़ाई करते हैं. ऐसे में उनको प्रतियोगी परीक्षाओं से लेकर कई अन्य तैयारी करने का मौका मिलता है. लाइब्रेरी में सैकड़ों किताबें रहती हैं. 


प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के लिए संबंधित किताबें मदद करती हैं. लाइब्रेरियन इन किताबों के बारे में छात्रों को जानकारी देते हैं और उनकी उपयोगिता भी बताते हैं, लेकिन अब तक पोस्टिंग ही नहीं हुई है. ऐसे में बच्चों को काफी परेशानी होती है.


कई बार भेजा गया पत्र
शिक्षा विभाग की ओर से लाइब्रेरियन की नियुक्ति के लिए कई बार डीपीआई को पत्र लिखा गया है, लेकिन अब तक इसका कोई जवाब नहीं आया है. ऐसे में शिक्षा विभाग ने भी पत्र लिखना छोड़ दिया है. गाहे-बगाहे शिक्षक संघों की ओर से इन पदों पर पोस्टिंग की मांग की जाती है. 


हालांकि वह भी केवल फार्मेल्टी तक ही सीमित होती है. ऐसे में इसे लेकर न तो शिक्षक संघ गंभीर हैं और न ही विभाग. हालांकि अभी जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक शिक्षा विभाग की ओर से केवल एक बार ही पत्र भेजा गया है, लेकिन अधिकारी कई बार पत्र लिखने की बात कहते हैं.


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