Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के आज तीन साल पूरे हो गए हैं. भूपेश बघेल ने सीएम के रूप में भले ही 17 दिसंबर को शपथ ली थी लेकिन कांग्रेस को जीत की खुशी 11 दिसंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे आने पर ही मिल गई थी. पिछले तीन साल में कांग्रेस पार्टी ने सत्ता की सीढ़ी में कई उतार चढ़ाव देखे हैं और जनता की कसौटी पर खरा उतरने की पूरी कोशिश भी की है. भूपेश बघेल सरकार का तीन साल का कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा है. आइए जानते हैं अब तक क्या-क्या किया गया?  


भूपेश बघेल सरकारी की तीन साल की उपलब्धियां



  • वनोपज़ संग्रहण में छत्तीसगढ़ पिछले तीन वर्षों में लगातार पूरे देश में अव्वल रहा है. वनोपज से आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिला है. आदिवासियों के जनजीवन में बदलाव परिलक्षित हुआ है. इसके साथ ही राज्य को वनोपज संग्रहण और प्रसंस्करण में 11 राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले.

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिये जिस समृद्धि की नींव रखी थी, अब वह साकार होती दिख रही है. ग्रामीणों के जीवन में अब बदलाव आने लगा है.किसान जैविक खेती की ओर लौटने लगे हैं.

  • भूपेश बघेल सरकार ने ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ जनसशक्तीकरण से आर्थिक विकास की इबारत लिखी है. मंदी के दौर में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था टिकी रही. दरअसल ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक मजबूती के लिए नई दिशा में कामकाज किया गया. भूपेश सरकार ने स्वरोजगार और आजीविका संबंधी गतिविधियों पर फोकस किया.

  • तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ी अस्मिता और स्वाभिमान लौटाने के कदम उठाए. हर वर्ग को अपने प्रदेश की भावना से और विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल की.

  • लगातार बढ़ती महंगाई के दौर में सस्ती दवाओं के माध्यम से राहत देने की योजना भूपेश सरकार ने लागू की है. छत्तीसगढ़ सरकार ने महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह सस्ती जेनेरिक दवाओं के लिए श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना शुरू की. इस मेडिकल स्टोर में जेनेरिक दवाएं 50 से 70 फीसदी सस्ते दामों पर मिल रही हैं.

  • छत्तीसगढ़ में नगद हस्तांतरण वाली योजनाओं के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था में प्रगति हुई है. कोरोना संकट की वजह से जहां चारों तरफ मंदी का असर देखा जा रहा था, वहीं छत्तीसगढ़ के कारोबार जगत में लगातार उछाल की स्थिति है.

  • राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के जरिये हितग्राहियों के खाते में नगद हस्तांतरण से अर्थव्यवस्था को काफी मजबूती मिली. जैविक खेती से लागत हुई आधी, उत्पादन भी दो से तीन गुना तक बढ़ा.

  • छत्तीसगढ़ में नई उद्योग नीति से राज्य में नया औद्योगिक और आर्थिक वातावरण बना है. तीन सालों में राज्य में 1564 नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई हैं. औद्योगिक क्षेत्र में 18 हजार 882 करोड़ रूपये की पूंजी निवेश से राज्य की तस्वीर बदली है.

  • छत्तीसगढ़ सरकार का मिलेट मिशन शुरू होने से किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव आने लगा है. कोदो-कुटकी और रागी की फसलों की खरीदी का समर्थन मूल्य तय होने पर किसानों को बड़े मुनाफे की उम्मीद.

  • छत्तीसगढ़ सरकार की हाफ बिजली बिल योजना से निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत मिली है. 400 यूनिट तक बिजली की खपत पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी का लाभ 40 लाख उपभोक्ताओं को पहुंचा है.

  • छत्तीसगढ़ में साल 2020-21 में राज्य गठन के बाद सर्वाधिक 92 लाख मीट्रिक टन से अधिक की धान खरीदी का कीर्तिमान बना है. सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन के लिए छत्तीसगढ़ को मिला कृषि कर्मण पुरस्कार.


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