Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिली है. लेकिन बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में नए फार्मूले के तहत मंत्रिमंडल का गठन किया है. राज्य में 2 डिप्टी सीएम के साथ मुख्यमंत्री को सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी है. ये सिर्फ छत्तीसगढ़ नहीं बीजेपी ने मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी इसी फार्मूले का इस्तेमाल किया है. लेकिन अब इस पर कांग्रेस सवाल उठा रही है. कांग्रेस दो डिप्टी सीएम के पद को अमान्य बता रही है.


डिप्टी सीएम के पद पर कांग्रेस ने उठाया सवाल


दरअसल आदिवासी नेता विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाया गया है. उनके साथ अरुण साव और विजय शर्मा को डिप्टी सीएम बनाया गया है. तीनों दिग्गजों ने 13 दिसंबर को शपथ लिया है. इसपर पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि डिप्टी सीएम का पद मान्य नहीं है. इसके साथ उन्होंने ये भी दावा किया है कि दोनों डिप्टी सीएम ने मंत्री पद का शपथ भी नहीं लिया है तो उनके कार्यों को भी असंवैधानिक माना जाए. 


संविधान में उप मुख्यमंत्री का पद नहीं है- कांग्रेस 


पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि संवैधानिक प्रावधान यह है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल करेगा लेकिन किसी राज्य के मंत्री परिषद में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की कुल संख्या उस राज्य की विधानसभा के सदस्यों की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी. संविधान में उप मुख्यमंत्री का पद नहीं है इसलिए उप मुख्यमंत्री के पद व गोपनीयता की शपथ का कोई औचित्य नहीं है.ऐसी शपथ विधि की दृष्टि में शून्य है. संविधान की तृतीय अनुसूची में पद व गोपनीयता की शपथ का स्पष्ट प्रारूप है.


बीजेपी का जवाब डीके शिवकुमार का शपथ भी अमान्य है क्या ?


डिप्टी सीएम के पद पर उठ रहे सवाल के बाद बीजेपी ने कांग्रेस को 8 महीने पहले कर्नाटक में डीके शिवकुमार के शपथ को याद दिलाया है. बीजेपी के मीडिया इंचार्ज अमित चिमनानी ने अकबर के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मोहम्मद अकबर खुद को संसदीय परंपरा के ज्ञाता मानते है. बीजेपी के डिप्टी सीएम के शपथ को अमान्य बता रहे है तो 8 महीने के पहले कर्नाटक में डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम पद का शपथ लिया है.क्या उनका शपथ भी अमान्य है? इसके आगे अमित चिमनानी ने अकबर को चुनाव हारने पर तंज कसते हुए कहा कि अकबर चुनाव हारने के बाद अपने बयानों से खुद को मीडिया में बनाए रखना चाहते है. इस तरह के बयान के बाद पूर्व मंत्री अकबर ने अपनी और किरकिरी करवा ली है.


ये भी पढ़ें: New Year 2024: नए साल के स्वागत और बीते साल की विदाई के लिए पर्यटन स्थल तैयार, जानें बलरामपुर के टूरिस्ट स्पॉट