Surajpur News: सूरजपुर जिले के दूरस्थ पहाड़ी व वनांचल चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र में एक बार फिर हिंसक जानवरों के विचरण की खबरें तेज हो गई है. बावजूद इसके वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारी उदासीन बने हुए हैं. न तो विभागीय अमला क्षेत्र में जानवरों के मिलने वाले पंजों के निशानों का परीक्षण करने में ही कोई विशेष रुचि ले रही है और न ही ग्रामीणों के द्वारा शावक के साथ बाघ देखने व उसकी दहाड़ सुनने के दावों पर कोई जांच-पड़ताल शुरू कर रही. जिसका खामियाजा आने वाले समय में क्षेत्र के रहवासियों को भुगतना पड़ सकता है. अधिकारी लापरवाही बरतते हुए पिछली बार हुई गलती दोहरा रहे हैं.


पूरानी गलती दोहरा रहा वन विभाग


गौरतलब है कि इसके पूर्व भी पिछले वर्ष मार्च के महीने में इसी तरह ग्रामीणों के द्वारा क्षेत्र में बाघ होने का दावा किया गया था, लेकिन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों ने इसे गंभीर नहीं लिया था. जिसका नतीजा यह रहा कि चैत्र नवरात्रि के समय जंगल में लकड़ी लेने गये ग्रामीणों पर बाघिन ने प्राणघातक हमला कर दिया. जिससे दो ग्रामीणों की मौत भी हो गई थी और एक गंभीर रूप से घायल हो गया था. हालांकि बाद में वह उपचार से स्वस्थ्य हो गया और विभागीय अमले ने बाघिन का सफल रेस्क्यू किया था.


बाघ के पंजों का निशान होने का दावा


बता दें कि, पिछले दिवस गुरु घसीदास उद्यान क्षेत्र के जंगलों में चरवाहे अपने मवेशियों को चराने ले गये थे. इसी बीच उन्हें बाघ के दहाड़ने की आवाज सुनाई दी और उन्होंने इधर-उधर नजरें घूमाकर देखा तो उन्हें शावक के साथ बाघ दिखाई दिया. जिसके बाद वे तुरंत मवेशियों के साथ भाग खड़े हुए और ग्रामीणों को पूरी जानकारी दी. हालांकि इस संबंध में वन विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. फिर भी लोगों में शावक व बाघ को लेकर दहशत व भय का वातावरण बना हुआ है और लोग डरे सहमे हुए हैं. इधर दूसरी ओर बुधवार को मोहरसोप निवासी मोतीलाल यादव ने सोशल मीडिया में एक फोटो पोस्ट करते हुए बाघ के पंजों का निशान होने का दावा किया. 


सोशल मीडिया में पोस्ट हुए तत्काल के फोटो के संबंध में गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के रेंजर ललीत साय पैकरा ने कहा कि पंजों के निशान छोटे आकार के हैं, बाघ के पंजों के निशान बड़े हैं. उन्होंने इन पंजों के निशान को तेंदुए के पंजा होने की पुष्टि भी की है. इस संबंध में जिले के आला अधिकारियों से संपर्क न हो पाने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका. बहरहाल क्षेत्र में शावक के साथ बाघ की मौजूदगी को लेकर ग्रामीण भयभीत हैं और अनहोनी की आशंका को लेकर उनके माथे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर देखी जा सकती है.


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