Chhattisgarh News: सरगुजा जिले के उदयपुर क्षेत्र में विचरण कर रहे 11 जंगली हाथियों ने बीती रात 14 किसानों का 5 से 6 हेक्टेयर रकबे में लगे धान, मक्का सहित अन्य फसल को नुकसान पहुंचाया. हाथियों का दल अभी भी करमकटरा जंगल में विचरण कर रहा है और इस जंगल से लगे आस-पास के इलाकें में फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है. लगभग एक सप्ताह से हाथियों के उत्पात मचाने से एक ओर जहां ग्रामीणों में दहशत है. वहीं वन विभाग का अमला हाथियों की निगरानी करते हुए ग्रामीणों को लगातार सतर्क कर रहा है.


उदयपुर रेंजर गजेंद्र दोहरे ने बताया कि जिस ओर हाथियों का दल विचरण कर रहा है उस ओर ग्रामीणों का प्रवेश रोकने के लिए बेरिकेट्स लगाए गए है. बेरिकेट्स स्थल पर विभाग का अमला मौजूद है और ग्रामीणों को उस ओर न जाने की समझाइश दी जा रही है. इधर हाथियों के द्वारा धान के लहलहाते फसल को तबाह किए जाने से किसानों की छाती फट रही है. हाथी जिस ओर विचरण कर रहे है उस ओर लगे खेतों व्यापक नुकसान पहुंचा रहे है. 


किसानों ने की मुआवजे की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि उनके द्वारा लगाए गए मक्के के फसल को भी हाथी निवाला बना रहे है. मक्के के तैयार फसल को क्षति पहुंचने से किसानों का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि मौजूदा समय में मक्के की फसल तैयार होने से उनके द्वारा बजार में बिक्री भी की जा रही थी. फसल के नष्ट होने से उन्हें काफी क्षति हुई है. प्रभावित किसानों द्वारा प्रशासन से अविलंब क्षति का आंकलन कर मुआवजा राशि दिए जाने की मांग की गई है. वहीं वन विभाग का कहना है कि क्षति का आंकलन किया जा रहा है.


मैनपाट-रायगढ़ सरहद में भी डटे हैं हाथी
उदयपुर वनपरिक्षेत्र के अलावा 13 स्दस्यीय जंगली हाथियों का दल पिछले तीन महीने से मैनपाट और रायगढ़ सरहद पर विचरण कर रहा है. हाथियों के दल के द्वारा कभी मैनपाट तो कभी बोरो रेंज की ओर फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. हाल ही में हाथियों ने लखनपुर क्षेत्र में भी तबाही मचाई थी. हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों की दिनचर्या बदल गई है. बस्ती से लगे इलाके में हाथियों के होने पर वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों को सुरक्षा के लिए आंगनबाड़ी और स्कूल भवन में शरण दिया जा रहा है. मैनपाट में रेंजर फेंकु चौबे के नेतृत्व में वन विभाग का अमला हाथियों की निगरानी करते हुए ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की समझाइश दे रहा है.


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