Bijapur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर जिले में रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्यौहार मनाने अपने घर गए एक पुलिस जवान की नक्सलियों (Naxalites) ने धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या (Murder) कर दी है. शव को सड़क पर फेंक दिया. जवान का नाम बुधराम अवलम है जो तोयनार पुलिस थाना में सहायक आरक्षक के पद पर पदस्थ थे. वह राखी का त्यौहार मनाने अपने गृह ग्राम जांगला आए हुए थे. नक्सलियों को इसकी भनक लग गई और अपने भतीजे को मोटरसाइकिल में डूवलीपारा छोड़ के आते वक्त नक्सलियों ने जवान बुधराम का अपरहण कर लिया और उसके बाद उनकी गला रेतकर हत्या कर दी.


इस घटना के बाद पूरे परिवार में गम का माहौल है. वहीं इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है, बताया जा रहा है कि जवान इससे पहले भी नक्सलियों के टारगेट पर रहा है. यही वजह है कि वह घर ना आकर तोयनार थाना में ही रहता था लेकिन रक्षाबंधन पर्व के चलते वह छुट्टी लेकर घर आया हुआ था और नक्सलियों को इसकी भनक लगते ही जवान का अपरहण कर उसकी हत्या कर दी.


पहले भी मिली थी मारने की धमकी
जापुर के एडिशनल एसपी चंद्रकांत गवर्णा ने बताया कि नक्सलियों द्वारा सहायक आरक्षक की हत्या की जानकारी मिलने के बाद तुरंत मौके पर गंगालूर थाना की पुलिस टीम पहुंची और शव को बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया. नक्सलियों ने उसके नाम पर धमकी भरा पत्र पहले भी जारी किया थ. जिस वजह से जवान कई वर्षों से तोयनार थाना में ही रहता था लेकिन रक्षाबंधन पर्व के मौके पर जवान छुट्टी लेकर अपने गांव गया हुआ था और घर से मोटरसाइकिल लेकर अपने भतीजे को गंगालूर थाना क्षेत्र के डुवलीपारा में छोड़ने गया था.


भतीजे ने वापस जाने से किया था मना
पुलिस ने बताया कि भतीजे ने बुधराम को वापस जाने से मना किया लेकिन वह नहीं माना और कुछ दूर पर पहले से ही घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवान को पकड़ लिया और अपने साथ जंगल के अंदर ले गए. कुछ घंटे तक अपने साथ रखने के बाद जवान की धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी. शव को बीच सड़क पर लाकर फेंक दिया. अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ गंगालूर थाना में मामला दर्ज किया गया है.


इसलिए घर नहीं जाते जवान
एडिशनल एसपी चंद्रकांत ने बताया कि नक्सली ताक में रहते हैं और जवानों को कहीं भी अकेला पाकर उन पर हमला करते हैं. यही वजह है कि स्थानीय क्षेत्र में रहने वाले युवा जो पुलिस विभाग में नौकरी कर रहे हैं. उनमें से अधिकतर जवान नक्सलियों के दहशत की वजह से ही अपने घर नहीं जाते.


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