Katghora Forest Division News: जंगल में महुआ फूल पीला सोने का संग्रहण शुरू हो चुका है. कोरबा जिले के कोरबा व कटघोरा वन मंडल में बड़े पैमाने पर पीले सोने का संग्रहण होता है. इसके लिए सुबह ग्रामीणों की टीम लगातार जंगलों में पहुंच रही है और पीले सोने का संग्रहण भी कर रही है लेकिन वहीं दूसरी ओर जंगल में हाथी और भालू का खतरा मंडरा रहा है. जिसे लेकर वन विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में अलर्ट जारी किया है कि वे हाथी और भालू प्रभावित क्षेत्रों में ना जाए और संग्रहण के दौरान सावधानी बरतें.


बता दें कि जिले के कटघोरा और कोरबा वन मंडल में बड़े पैमाने पर महुआ फूल का हर वर्ष संग्रहण होता है. इसे संग्रहण कर आदिवासी परिवार अपनी आर्थिक स्थिति भी मजबूत करते हैं. इन दोनों जंगल में अलसुबह संग्रहण का दौर शुरू हो चुका है. ग्रामीण टोली बनाकर गांव से निकलकर जंगल पहुंच रहे हैं और महुआ फूल का संग्रहण भी कर रहे हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर जिले के जंगल में हाथी और भालू का खतरा लगातार मंडरा रहा है. 


कोई घटना सामने नहीं आई है
कटघोरा वनमंडल में जहां हाथियों का झुंड कई इलाकों में विचरण कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर कोरबा और कटघोरा वन मंडल में सबसे अधिक भालू का खतरा मंडरा रहा है. भालुओं को महुआ खाना पसंद है. इसलिए अक्सर भालू और ग्रामीणों के बीच आमना-सामना हो जाता है और दोनों के बीच द्वंद भी हो जाता है. इसे लेकर वन विभाग लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर मुनादी करा रहा है और लोगों को सजग कर रहा है कि हाथी व भालू प्रभावित क्षेत्र में संग्रहण के दौरान सावधानी बरतें या फिर ना जाएं. हालांकि इस वर्ष अभी तक इस तरह की कोई घटना सामने नहीं आई है.


वहीं दूसरी ओर हाथी के हमले और वन प्राणियों के हमले न हो और जंगल को किसी तरह का नुकसान ना हो इसके लिए वन विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर जागरूकता अभियान भी चला रहे हैं ताकि जंगल पूरी तरह से सुरक्षित रहे और लोग जंगल में जाकर महुआ फूल सहित अन्य उत्पादों का संग्रहण कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करें.


कटघोरा में 48 हाथियों का झुंड कर रहा है विचार
वन विभाग के मुताबिक कटघोरा वन मंडल में 48 हाथियों का झुंड पिछले लंबे समय से विचरण कर रहा है. मौजूदा स्थिति में 48 हाथियों का झुंड अलग-अलग झुंड में विभक्त हो गया है. इसी के चलते हाथी का खतरा और अधिक बढ़ गया है. कटघोरा वन मंडल के पसान, केदई व एतमानगर रेंज में हाथियों का झुंड लगातार अलग-अलग क्षेत्र में विचरण कर रहा है.


हाथियों की निगरानी के लिए वन विभाग की टीम लगातार प्रयास कर रही है और महुआ फूल संग्रहण करने वाले लोगों को हाथी प्रभावित क्षेत्रों में न जाने की सलाह भी दे रही है ताकि कोई जनधन की हानि न हो.


ये भी पढ़ें: Chhattisgarh News: 3200 क्वार्टर और 2400 कर्मचारी, फिर भी नहीं मिल रहा आवास, किराए के मकान में रहने को मजबूर कोयलाकर्मी